बच्चों को मिल रहा गुणवत्ता हीन सुखा राशन सप्लायर व अधिकारी काट रहे चांदी
कोंडागांव। स्कूली छात्र छात्राओं को मध्यान्ह भोजन में दी जाने वाली दाल और तेल के गुणवत्ताहीन होने का मामला जिले में सामने आया है। मामला माकड़ी ब्लाक का है।जंहा विभागीय अधिकारियों व सप्लायरों की साठगांठ से मध्यान्ह भोजन में बच्चों को देने घटिया दाल स्कूलों में पहुंच चुकी है । दाल पूरी तरह से चुरा में तब्दील हुआ है। माकड़ी ब्लॉक के कुछ विद्यालयों में छात्र छात्राओं को बंटने की शुरुआत भी हो चुकी है । मध्यान्ह भोजन सामग्री की गुणवत्ता को लेकर संकुल समन्वयक ने कहा मध्यान्ह भोजन सामग्री उतर रहा है। गुणवत्ता को लेकर कुछ नहीं कह सकते दाल निम्न ग्रेड का दिख रहा।
बीईओ माकड़ी जगमोहन भोयर
मध्यान्ह भोजन सामग्री वितरण को लेकर फोन में जानकारी लेने पर बीईओ माकड़ी जगमोहन भोयर ने कहा समूह के माध्यम से सूखा राशन मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा। दाल चावल अचार तेल देने का हैं, क्वालिटी का उल्लेख नहीं है, जिला स्तरीय समिति द्वारा गुणवत्ता की जांच की जाती है।
माकड़ी बीईओ का विरोधाभासी बयान
वही बीईओ के बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सच्चाई छुपाने की कोशिश की जा रही तभी तो समूह के माध्यम से वितरण की बात अधिकारी कहा रहा, जबकि संकुल समन्वयक का कहना है मध्यान्ह भोजन सामग्री सप्लाई माकडी निवासी बिरस साहू के द्वारा की जा रही।
कौन है बिरस साहू
साहू वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी कोंडागांव के उपाध्यक्ष हैं, जो पूर्व में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी माकड़ी के अध्यक्ष भी रहे।
पूर्व में भी जिले के शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को दिया जाने वाला सूखा राशन वितरण में भी गुणवत्ता हीन राशन वितरण के मामले सामने आए थे। वहीं कुछ बच्चों ने कहा स्कूल में बांटने वाला राशन निम्न स्तर का है खाने में स्वादिष्ट नहीं है, हम अच्छा राशन देने की सरकार से मांग कर रहे।
वही संकुल समन्वयकों ने यह भी बताया कि कई बार उन्होंने गुणवत्ता हीन राशन वितरण को लेकर उच्च अधिकारियों को हमने शिकायत भी की, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। बहरहाल देखना यह है कि वर्तमान में जो राशन वितरण हो रहा इसकी गुणवत्ता जांच की जाएगी या नहीं? या फिर राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
सप्लायर बिरस साहू का पक्ष जानने के लिए मोबाईल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई पर बिरस साहू का मोबाइल नंबर से बात नहीं हो सकी।