छत्तीसगढ़ के मैनपाट वन क्षेत्र में मिला हाथी का शव
अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट वन परिक्षेत्र से लगे धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू वन परिक्षेत्र में हाथी का शव मिला है। शव कई दिन पुराना बताया जा रहा है। हाथी के दोनों दांत गायब है। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने दांत काट कर ले जाने का संदेह जताया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। सोमवार को मैनपाट के ग्राम ललेया और आसपास के बसाहट में रहने वाले कुछ लोग मवेशियों को चराने जंगल गए हुए थे। मैनपार वन परिक्षेत्र की सीमा से लगे कापू वन क्षेत्र के पहाड़ी के जंगल में तेज दुर्गंध से उन्हें संदेह हुआ। वे आगे बढ़े तो एक स्थान पर हाथी का शव देखा। हाथी का शव सड़ने लगा है। होली का त्योहार होने की वजह से किसी भी अधिकारी-कर्मचारी से संपर्क नहीं हो पाने से स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ सकी है। ललेया के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों को सूचना दे दी थी। लेकिन शाम तक घटनास्थल पर कोई नहीं पहुंचा था।
हाथी के शव में कई स्थानों पर गहरे जख्म भी देखे गए हैं। एक ओर वन विभाग लगातार हाथियों की निगरानी का दावा करता है, दूसरी ओर कई दिन पहले हाथी की मौत हो जाती है और वन अधिकारी – कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती। कापू वन परिक्षेत्र में पिछले तीन माह से नौ हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है। इसके अलावा धरमजयगढ़ और कोरबा वन मंडल से भी हाथी समय-समय पर इस क्षेत्र में प्रवेश करते रहे है। ऐसे में विस्तृत जांच के बाद ही हाथी की मौत की वजह सामने आ सकती है। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के कनकपुर जंगल में भी पिछले वर्ष हाथी का सड़ा-गला शव मिला था। इन घटनाओं के बाद से ही वन विभाग पर हाथियों की निगरानी नहीं किए जाने का आरोप लगता है।