महुआ से शराब नहीं, अब बनेगा लड्डू और चाकलेट
रायपुर, महुआ का उपयोग शराब बनाने में होता रहा है। शराब के लिए बदनाम महुआ से छत्तीसगढ़ में लड्डू और चाकलेट बनाया जाएगा। इसके लिए कोरबा में महुआ प्रसंस्करण यूनिट लगाने की तैयारी है। राजनांदगांव के बाद प्रदेश में इस तरह का यह दूसरा महुआ प्रसंस्करण केंद्र होगा।छत्तीसगढ़ में होने वाले वनोपज में महुआ की मात्रा काफी ज्यादा है। प्रदेश के बस्तर, बिलासपुर व सरगुजा संभाग में महुआ बहुतायत में होता है। तीनों संभागों के आदिवासी क्षेत्रों में महुआ का उपयोग शराब बनाने में होता है। इधर, राज्य सरकार वनोपज के जरिये वनवासियों और आदिवासियों की आय बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है।
इसी कारण राज्य सरकार वनोपज को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने लगी है। अब सरकार ने यह विचार किया है कि महुआ से दूसरे अच्छे उत्पादों का निर्माण कराया जाए, ताकि वनोपज संग्राहकों का लाभ बढ़े और महुआ से शराब बनाने की प्रवृत्ति खत्म हो। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के कृषि योजना एवं ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा का कोरबा जिले के कटघोरा वनमंडल दौरा हुआ था। वन क्षेत्र में महुआ की अधिकता को देखकर उन्होंने जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को महुआ का उपयोग अच्छे उत्पादों में करने का सुझाव दिया था।
इसके बाद अधिकारियों ने पता किया कि महुआ से क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं। विशेषज्ञों ने महुआ से लड्डू, चाकलेट तथा खाद्य तेल बनाए जाने का सुझाव दिया। इसके आधार पर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कोरबा के कोरकोमा वनक्षेत्र में प्रसंस्करण यूनिट लगाए जाने के लिए तैयारी चल रही है। कोरबा के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव श्रीवास ने बताया कि दो माह में प्रसंस्करण यूनिट को चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीवास ने यह भी बताया है कि पहले चरण में प्रयोग के तौर पर महुआ का पावडर तैयार किया जा चुका है। आगे महुआ पावडर से ही लड्डू और चाकलेट बनवाया जाएगा।
महिलाओं को प्रसंस्करण यूनिट की जिम्मेदारी
कोरबा के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिस तरह गोधन न्याय योजना के तहत चलने वाले गोठानों का संचालन महिला स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है, उसी तर्ज पर महुआ के लिए लगने वाली प्रसंस्करण यूनिट का संचालन भी महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के कृषि योजना व ग्रामीण विकास सलाहकार शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार किसान, आदिवासी, समाज और महिलाओं के विकास और उनके आर्थिक विकास की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी तरह कोरबा के जिला पंचायत सीईओ कुंदन दास का कहना है कि महुआ से लड्डू, चाकलेट, खाद्य तेल का निर्माण छत्तीसगढ़ के लिए क्रांति साबित होगी। इससे वनांचल के लोगों की आय में वृद्धि होगी।