दूर होगा टैंकर का टेंशन, हर घर को मिलेगा नल कनेक्शन
रायपुर। स्लम एरिया में रहने वाली श्यामा बाई अब खुश हैं। उन्हें टेंशन भी नहीं है। दरअसल उनकी खुशी की वजह यह है, कि इस गर्मी में पीने के पानी के लिए दौड़-भाग नहीं करनी पडे़गी। उनके घर तक नल का कनेक्शन भी आ पहुंचा है। वृद्धा श्यामा बाई बीते दिनों की परेशानी को नहीं भूली। उसे भलीभांति याद है, कि टैंकर की आहट से ही घर में आपा-धापी सी मच जाती थी। पानी एकत्र करने का जो भी बर्तन हाथ में आता था, उसे बाहर लेकर दौड़ पड़ती थी।
पाइप को टैंकर में डालने और अधिक से अधिक पानी भरने के लिए जाने क्या से क्या नहीं करना पड़ता था। पीने के लिए पानी हो या फिर घर में अन्य किसी काम के लिए, उसे टैंकर पर ही निर्भर रहना पड़ता था। अब श्यामा बाई की टेंशन दूर हो गई है। उनके घर में नल का कनेक्शन भी लग गया है।
पानी के टैंकरों के आने की आहट के साथ टेंशन मोल लेने वाली श्यामा बाई ही नहीं, शहर के झुग्गी सहित पॉश इलाकों में रहने वाले ऐसे अनेक परिवार हैं, जिनकी समस्या दूर हो गई है। और जो बचे हैं, उनकी भी समस्या जल्दी ही पूरी तरह से दूर होने का दावा किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में पानी के लिए टैंकर का इंतजार करना और टैंकर आने के साथ ही बर्तन लेकर बाहर दौड़ लगाना भी नहीं पडे़गा।
शासन द्वारा टैंकरों पर आश्रित ऐसे गली मुहल्लों के घरों को नल कनेक्शन देने के साथ टैंकर मुक्त करने की पहल की जा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जल आवर्धन योजना के अधूरे कार्य को पूरा किया जा रहा हैै। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टैंकर मुक्ति के साथ पानी की उपलब्धता के लिए 220 करोड़ रुपए का प्रावधान भी रखा गया है। अब तक प्रदेश के 120 निकाय टैंकर मुक्त भी हो गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डाक्टर शिवकुमार डहरिया द्वारा सभी निकायों को टैंकर मुक्त करते हुए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग द्वारा अब तक 14 नगर निगमों में से चार निगमों, 43 नगर पालिकाओं में से 23 नगर पालिकाओं को और 109 नगर पंचायतों में से 93 नगर पंचायतों को टैंकर मुक्त कर लिया गया है। बचे हुए 46 निकायों में योजनाएं स्वीकृत कर जल आवर्धन के कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। योजना के पूर्ण होते ही ये निकाय भी अपने क्षेत्र में आसानी से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकेंगे।
1.42 लाख घरों में मिला नल कनेक्शन
जल है तो जीवन है। जल है तो कल है। पानी की बचत कीजिए। पानी को बर्बाद होने से रोकिए। इन छोटे-छोटे शब्दों और वाक्यों में एक ओर जहां पानी का महत्ता का संदेश छिपा है। वहीं यह शब्द सभी की जरूरतों से भी जुड़ा है। लोगों की इन्हीं जरूरतों को पूरा करने का उद्देश्य लेकर छत्तीसगढ़ की सरकार सबके घरों को नल कनेक्शन देने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।
अभी तक 1.42 लाख परिवारों को नल का कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। सतही जल स्रोत आधारित योजनाओं में प्रत्येक व्यक्ति को 135 लीटर प्रतिदिन और नलकूप स्रोत आधारित योजनाओं में 70 लीटर प्रतिदिन के मान से गणना कर योजना तैयार की गई है। इसके साथ ही भागीरथी नल जल योजना के माध्यम से पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित गरीब परिवारों को निःशुल्क नल संयोजन प्रदान किया जा रहा है।
46 निकायों में जल आवर्धन का कार्य प्रगति पर
अधिकारियों का कहना है कि टैंकर मुक्त करना छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी प्राथमिकता में है। अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन(अमृत) जैसी परियोजनाओं के साथ सरकार का प्रयास है कि हर घर नल कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए रणनीति बनाई गई है।