इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई कोर्ट ने किया तीन और अधिकारियों को बरी
नई दिल्ली। बहुचर्चित इशरत जहां मुठभेड मामले के आरोपी आईपीएस जी एल सिंघल, पूर्व पुलिस उपाधीक्षक तरुण बारोट व पुलिस निरीक्षक अनाजु चौधरी को सीबीआई पूर्व आईपीएस वणजारा सहित 4 अन्य अधिकारी पहले ही आरोपमुक्त हो चुके हैं। गुजरात के बहुचर्चित इशरत जहां मुठभेड मामले के आरोपी आईपीएस जी एल सिंघल, एनकाउंटर स्पेश्लिस्ट तरुण बारोट व पुलिस निरीक्षक अनाजु चौधरी को सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया। गत 20 मार्च को तीनों ने आरेापमुक्त करने की अर्जी दी थी। सीबीआई जज वी आर रावल ने इस पर सुनवाई के बाद कहा कि तीनों आरोपियों ने आईबी व गुजरात पुलिस के उच्च अधिकारियों के आदेश का पालन किया। इशरत जहां व उसके साथी आतंकी नहीं थे इसके भी कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं, आरोपियों ने अपने फर्ज का पालन किया। अदालत ने तीनों अधिकारियों को मुठभेड के आरोपों से मुक्त कर दिया। इससे पहले 2018 में क्राइम ब्रांच के तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त पी पी पांडे को तथा वर्ष 2019 में पूर्व डीआईजी डी जी वणजारा, पुर्व पुलिस उपाघीक्षक एन के अमीन को भी आरोप मुक्त कर दिया गया था। जबकि एक अन्य आरोपी जे जी परमार का सितंबर 2020 में निधन हो गया। इस मामले में सीबीआई ने 2013 में आरोपत्र दाखिल किया था। जिसमें सभी आरोपियों पर अपहरण करने, बंधक बनाने तथा हत्या के साथ सबूत नष्ट करनेके आरोप लगाए थे। जून 2004 में मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां उसके तीन साथियों को अहमदाबाद के बाहरी इलाके कोतरपुर वाटरवर्क्स के पास एक मुठभेड में मार गिराया गया था। इशरत की मां शमीमा कौसर ने फर्जी मुठभेड का आरोप लगाते हुए एक अर्जी दाखिल की जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। गुजरात पुलिस ने मुठभेड के बाद बताया था कि इशरत व उसके तीनों साथी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री [प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी] की हत्या के इरादे से गुजरात आए थे।