नक्सली हमले में शहीद दीपक की पिछले साल हुई थी शादी
रायपुर। एक साल पहले दीपक भारद्वाज की शादी हुई थी। घर में खुशियां थी। अब मातम छाया हुआ है। बीजापुर में नक्सली हमले में दीपक भी शहीद हुए। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने बीजापुर में नक्सलियों के कायरतापूर्ण हमले में जवानों के शहीद होने की घटना की निंदा की है।
इस घटना में संघ के मालखरौदा तहसील अध्यक्ष राधेलाल भारद्वाज के युवा पुत्र उपनिरीक्षक दीपक भारद्वाज शहीद हो गए। प्रदेश के शासकीय सेवकों ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई लड़ने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है।
संघ के प्रमुख संरक्षक पीआर यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने बताया है कि दीपक भारद्वाज प्रारंभ से ही होनहार बालक था। उसके पिता मालखरौदा तहसील शाखा अध्यक्ष हैं। अब आतंकवाद, नक्सलवाद से आर-पार करना ही इन शहीदों को सच्ची श्रद्वांजलि होगी। माता-पिता व पत्नी के लिए यह घटना इसलिए और पीड़ादायी है क्योंकि शहीद दीपक भारद्वाज का विवाह एक वर्ष पूर्व हुआ था।
ऐसी स्थिति में शहीद होना परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूटा है। देश व प्रदेश की सरकार से संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान, बस्तर अध्यक्ष गजेंद्र श्रीवास्तव, अतुल शुक्ला बिलासपुर अध्यक्ष जीआर.चन्द्रा, दुर्ग अध्यक्ष विजय लहरे, महासमुंद अध्यक्ष ओम नारायण शर्मा, जांजगीर अध्यक्ष रामकिशोर शुक्ला, रायगढ़ संयोजक शेख कलीमुल्लाह खान, सरगुजा अध्यक्ष आनंद सिंह, धमतरी अध्यक्ष कृष्णा साहू, बलौदाबाजार अध्यक्ष पी.हिरवानी, गरियाबंद अध्यक्ष देवकुमार पड़ोसी, बेमेतरा अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा, कोरबा अध्यक्ष जेपी उपाध्याय ने आक्रोश व्यक्त किया है।
संघ ने आरोप लगाया है कि देश में दो प्रकार के कानून से नक्सलियों के हौसले बुलंद हैं। एक सामान्य नागरिक द्वारा हत्या करने पर आजीवन कारावास तथा नक्सलियों द्वारा खुलेआम हत्या करने के बाद समर्पण, लाखों रुपये सहायता, रोजगार, विवाह कर उन्हें उपकृत व प्रोत्साहित करने के कारण यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है। संभव है इन 22 जवानों की हत्या करने वाले नक्सली चार माह बाद समर्पण कर सरकार की पुर्नवास नीति का आर्थिक, सामाजिक, व्यवहारिक लाभ सीना तानकर प्राप्त करेगें, यह निंदनीय है।