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शहीद जवान की अंतिम विदाई में सबकी आंखें हुई नम, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि, पत्नी का रो रोकर बुरा हाल


राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान को अंतिम संस्कार किया गया

कोंडागांव। बीजापुर के तर्रेम में हुए नक्सल घटना में शहीद जवान रामदास कोर्राम का पार्थिव देह जैसे ही पैतृक ग्राम बन जुगनी पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद की पत्नी प्रेम शिला पति का पार्थिव देह घर पहुंचने के बाद सुध बुध खो बैठी ।

शहीद की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल

आपको बतादें की बीजापुर जिले के टेरम थाना क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए मुठभेड़ में 22 युवा शहीद हो गए थे। ये शहीद जवानों में एक युवा कोंडागांव जिले का युवा शहीद हुआ। शहीद जवान का पैतृक्र गृहग्राम कोंडागांव जिले के बन जुगनी होने के चलते शव को अंतिम संस्कार के लिए ग्राम बन जुगनी लाया गया। गांव के बेटे की शहादत होने की खबर से पूरा गांव सुबह से एकत्र होकर पार्थिव शरीर के पहुंचने का इंतजार करने लगे।
जैसे ही शव गांव पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। शहीद की अंतिम यात्रा में पीसीसी चीफ मोहन मरद, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री लता थेंडी, कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा जिला पंचायत अध्यक्ष देवचन्द्र मतलाम उपस्थित थे। कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, मोहन मरदक और देवचंद्र मातलाम ने शहीद जवान के शव को कंधा दिया। दुख की घड़ी में परिजन को ढांढस बंधाया।

शहीद का बड़ा भाई व शहीद का बेटा नेउस

मासूम बेटे नेउस ने दी मुखाग्नि

जैसे ही साढ़े तीन साल के मासूम बेटे ने अपने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि देने पहुंच अंतिम विदाई में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई। राजकीय सम्मान के साथ सलामी के बीच शहीद बेटे के शव को अश्रु भरे नेत्रों से बडे बेटे ने उसे मुखाग्नि दी।

श्रदांजलि अर्पित करने कलेक्टर, विधायक, लता उसेण्डी , जिला पंचायत अध्यक्ष

बड़े भाई रामनाथ कोराम ने
साल 2016 में बताया की भाई की शादी हुई थी।शहीद भाई के ने उसकी साढ़े तीन साल, प्रयाग 2 साल के दो बेटे हैं, भाई फरवरी में घर आए थे, उसके बाद कोंडागांव मेले के दौरान फोन पर परिवार की देखरेख कर रहे थे। की बात कही थी। कल दोपहर बेनूर टीआई घर में आकर भाई के शहीद होने की जानकारी दी। नक्सलियों से लड़ते हुए मेरा भाई शहीद हुआ, इस समस्या के अंत की दिशा में सरकार को प्रयास करना चाहिए, ताकि नक्सल समस्या का छत्तीसगढ़ से नामोनिशान मिट सके। शहीद जवान कालाज प्रथम वर्ष में पढ़ाई के दौरान वर्ष 2011 में एसटीएफ जगदलपुर में पदस्थ हुआ था, जो वर्तमान में बीजापुर में सेवा दे रहा था।

Patrika Look

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