छत्तीसगढ़

यात्री बसों में कोरोना के निर्देश का पालन नहीं, किट भी नदारद, यात्रियों में डर

रायपुर।  अगर आप राजधानी में चल रही यात्री समेत अन्य राज्यों में जाने वाली बसों में सफर कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि कोरोना का संक्रमण यहां सबसे अधिक है। अन्य राज्यों सहित राजधानी में विभिन्न मार्गों से लगभग चार सौ से अधिक बसें चल रही हैं, लेकिन अधिकतर बसों में न तो प्राथमिक उपचार के किट लगे हैं और न ही कोरोना के लिए जारी निर्देशाें का पालन किया जा रहा है। बस संचालक आरटीओ के नियमों को ताक पर रखकर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

मलहम-पट्टी तक नहीं

राजधानी स्थित पंडरी से ओडिशा जा रही एक निजी बस में सफर कर रहे निरंजन दास नाम के यात्री की मानें तो बस में चढ़ते समय पैर में थोड़ी-सी चोट लग गई थी, लेकिन बह रहे खून को रोकने के लिए बस में मलहम-पट्टी तक उपलब्ध नहीं। यदि कोई बड़ी घटना हो जाए तो कैसे प्राथमिक उपचार होगा?

बगैर मास्क के सफर कर रहे यात्री

राजधानी में चल रही यात्री बसों में हालांकि यात्रियों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम है, लेकिन स्वयं के साधन नहीं या जरूरत पड़ने पर बस से सफर कर रहे यात्रियों में कई यात्री मास्क नहीं लगाते हैं।

किराया सूची बसों में नहीं

पंडरी बस स्टैंड से निकलने वाली बिलासपुर कवर्धा बेमेतरा समेत अन्य कुछ रूट की बसों में एक तरफ जहां यात्रियों की भीड़ है तो वहीं इस दौरान यह भी शिकायत आई कि बसों में किराया सूची को भी चस्पा नहीं की गई है। इससे कई बार किराए को लेकर यात्री और बस कंडक्टर में बहस भी होती है, जबकि आरटीओ की तरफ से निर्देश है कि बसों में किराया सूची स्पष्ट रूप से चश्मा की जाए जैसे यात्रियों को दूरी की जानकारी के हिसाब से किराया दे सके। ‘कोविड के दिशा निर्देश का पालन सभी बस संचालकों को करना है। साथ ही बस में किट आदि रखना भी जरूरी है।

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