चाइल्ड लाइन कोंडागांव के द्वारा 108 नाबालिग मजदूरों को पलायन से रोका…
कोंडागांव। विगत वर्ष कोरोना महामारी के भय से तमाम उद्योग धंधे बंद होने से प्रवासी मजदूर जो अपने घरों की ओर लौट चुके थे। उन्हें शासन प्रशासन द्वारा गांव में रोजगार उपलब्ध कराने के दावे तो किये जा रहे थे, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है। आज भी जिले से मजदूरों का पलायन थमने का नाम नहीं ले रहा,जिले से मजदूरों के पलायन का ऐसा ही एक मामला सोमवार की रात को सामने आया। साथी समाज सेवी संस्था कोंडागांव के अध्यक्ष भूपेश तिवारी को मजदूरों के पलायन की सूचना मिलने पर तत्काल जिला बाल संरक्षण इकाई व सिटी कोतवाली की संयुक्त टीम के सहयोग से तमिलनाडु पासिंग की बस को पुलिस ने बंधा तालाब कोंडागांव के सामने रोकने पर बस में सवार हो तमिलनाडु जाने के लिए बैठे 25 मजदूर मिले, मजदूरों ने बताया ठेकेदार के मार्फत वे सभी जैतपुरी ढाबा से तमिलनाडु के बस में बैठकर फैक्ट्री में काम करने के लिए जा रहे हैं। जिनमे से 6 नाबालिग मजदूरों ने बीजापुर व नारायणपुर जिले का होना बताया गया।सभी नाबालिगो को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तूत किया गया है।
वित्तिय वर्ष 2020-21 में चाइल्ड लाइन कोंडागांव के द्वारा 108 नाबालिग मजदूरों को पलायन से रोका गया है जो एक सराहनीय कार्य किया है। वही कुछ समाज सेवी संस्थाओं का कहना है कि लगातार बस्तर संभाग से हर दिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर पलायन हो रहे हैं जिनमें नाबालिक बालक बालिकाएं भी शामिल होते हैं। ठेकेदार द्वारा ज्यादा पैसा देने की लालच में आकर लगातार बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर जाते हैं। सरकार इन पलायन मजदूरों को रोकने में नाकाम नजर आ रही हैं, वही कई बार सूचना देने पर भी संबंधित अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंचे हैं यह भी एक कारण हो सकता हैं शायद।