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पैरा मेडिकल स्‍टाफ के साथ टेस्टिंग का दायरा बढ़ाएं, कोरोना पर रोक लगाएं

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में बुधवार को 10,310 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। लगातार संक्रमितों की संख्‍या के साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इसे रायपुर और दुर्ग जिला सबसे ज्‍यादा प्रभावित है। भिलाई इस्‍पात संयंत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी आफत आई हुई है। संयंत्र द्वारा संचालित 800 बेड के सेक्‍टर-9 अस्‍पताल में साढ़े सौ से ज्‍यादा कोरोना मरीज भर्ती हैं।

इधर, कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में आइसीयू बेड का टोटा हो गया है। प्रदेश में वैक्सीन का सिर्फ चार दिन का कोटा बचा है। रायपुर में आक्सीजन वाले 300 बेड खाली है। वहीं राजनांदगांव के पेंड्री स्थित मेडिकल कालेज में केवल 175 सिलेंडर हैं।

भिलाई में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले पर कर्मचारी यूनियन सीटू का कहना है कि प्रबंधन ने वक्त पर सही कदम उठाया होता तो आज भिलाई में संक्रमित मरीजों के इलाज में हो रही यह अव्यवस्था की स्थिति नहीं होती | यूनियन ने पत्र के माध्यम से प्रबंधन को पहले ही कहा था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रबंधन को कुछ विशेष तैयारियों को किया जाना चाहिए था, जिससे न केवल भिलाई में बढ़ रहे। साथ ही साथ इलाज को और बेहतर किया जा सकता है। सेक्टर 9 अस्पताल में कोविड-19 परीक्षण एवं इलाज के दौरान हो रही अव्यवस्था को दूर किया जा सकता है।

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टेक्निशियन की कमी का निकालें समाधान

सीटू के संगठन सचिव डीवीएस रेडडी का कहना है कि सेक्टर 9 अस्पताल में रेडियोलॉजी को छोड़कर जांच के संदर्भ में काम करने वाले विभिन्न लैब में लगभग 24 टेक्नीशियन कार्यरत हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण जांच की ड्यूटी में लगाया गया है। वहीं, भिलाई लॉकडाउन के दौरान ट्रेसिंग, टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट के लिए और ज्यादा जांच सेंटरों की आवश्यकता है ताकि लॉकडाउन के दौरान ही कोरोना पर नियंत्रण किया जा सके। इन सेंटरों में 24 टेक्नीशियन पर्याप्त नहीं हैं। इसीलिए टेक्नीशियन की कमी को पूरा करने के लिए अविलंब समाधान निकाला जाना बहुत आवश्यक है।

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