रायपुर में दस हजार बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने का मिला लक्ष्य
रायपुर। राजधानी में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने शासन प्रशासन की नींद हराम कर दिया है। क्योंकि मरीजों को ऊपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन युक्त बेड़ उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं। जिससे कोरोना संक्रमण से लड़ते- लड़ते दम तोड़ने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
कोरोना के मरीजों का पर्याप्त मात्रा में उपचार हो सके। इसके लिए रायपुर नगर निगम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल प्रभाव से दस हजार बेड़ बनाने निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन प्रशासन युद्ध स्तर अस्थाई अस्पताल बनाने में जुट गया है। नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि बेड़ बनाने के लिए निर्देश आया है। निर्देश के बाद तैयारी शुरु कर दी गई है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों पर लगाम लगाने रायपुर कलेक्टर ने टीम गठित किया है।
ज्ञात हो कि रायपुर में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या ने शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल का कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने 09 अप्रैल से 19 अप्रैल की सुबह छह बजे तक लाकडाउन की घोषणा कर दी है।
कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में मिलाकर कुल दस हजार बेड़ का अस्थाई अस्पताल बनाने का टारगेट रायपुर नगर निगम को दिया है। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए वर्तमान में युद्ध स्तर पर शासन प्रशासन की तरफ से शहर में अस्थायी तौर पर अस्पताल बनाए जा रहे हैं।
प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसने टीम गठित
करीब दस हजार बेड की व्यवस्था की जा रही है। राजधानी में थोड़ी चिंता चिंता आईसीयू बेड को लेकर है। आने वाले समय में ज्यादा आईयीसू बेड की जरूरत पड़ सकती है और इसको ध्यान में रखते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
रायपुर कलेक्टर ने मंगलवार को अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग ली। जिसमें प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसने के लिए 22 सदस्यीय टीम गठित किया है। अधिकारियों की टीम प्रत्येक अस्पताल में जाकर बेड़ की उपलब्धता, अस्पताल प्रबंधन मरीजों से कितनी फीस वसूल रहा है। अस्पताल में बेड़ खाली तो नहीं है इसकी जांच करेगा।