छत्तीसगढ़

अब कोरोना के सहारे ठगी का जाल

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में साइबर ठग ठगी के नए-नए पैंतरे अजमाने से बाज नहीं आ रहे है। कोरोना संकटकाल के बीच अब शातिर ठग गिरोह मोबाइल नंबर 7713502000 से लोगों को मैसेज और काल कर रहे है। काल कर ठग यह कहते है कि कहीं आप कोरोना संक्रमित तो नहीं है। आपकों इलाज कराने की जरूरत है, नहीं तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।

हम आसानी से कम कीमत पर अस्पताल में बेड व आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करा देंगे। ठग गिरोह के इस तरह के काल रायपुर के कई लोगों के पास आए है। इसकी शिकायत साइबर सेल तक पहुंची है। कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है। ऐसे बुरे हालात में भी साइबर ठग लोगों को ठगने से पीछे नहीं हट रहे है।

कोरोना वैक्सीन का सहारा लेने के बाद अब शातिर ठग 7713502000 नंबर से लोगों को काल करके कोरोना के नाम पर डरा रहे है। यह दावा कर रहे है कि कोरोना हर चौथा व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो चुका है, लिहाजा हालात बिगड़ने से पहले अपना इलाज कराने हम से संपर्क करें। हम आसानी से कम कीमत पर अस्पताल में बेड व आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करा देंगे। हालांकि ठगों को यह नंबर खुद से काल करने से नहीं लगता।

फेक एप बनाकर कर चुके है ठगी

शातिर ठगों ने इससे पहले कोरोना वैक्सीनेशन के लिए को-विन नामक एक फेक एप बनाया था। एप पर लिखकर दावा किया गया है कि कोरोना वैक्सीनेशन एप के जरिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद होगा। इसको लेकर पुलिस ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से सावधान रहने की अपील कर चुकी है।

पुलिस ने बताया कि साइबर ठग कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर लोगों को फोन कर अपने जाल में फंसा कर उन्हें ठग सकते हैं। अगर इस तरह का फोन आता है तो पुलिस को तुरंत सूचित करें। हालांकि इस अपील के बाद भी प्रदेश में कई लोग ठगी के शिकार होने से बच नहीं पाए है।

आपदा को बनाया अवसर

कोरोना संक्रमण के डर के साये में जी रहे लोगों को ठगने साइबर अपराधियों ने आपदा को भी अवसर में बदलते हुए कोरोना का डर दिखाकर रोज सैक़ड़ों लोगों को काल कर रहे है। देवेंद्रनगर के एक कारोबारी ने बताया कि उनके पास ऐसा ही एक मैसेज आया था। फिर काल करके ठग ने कोरोना संक्रमित होने के नाम पर डराने की कोशिश की। जब दाल नहीं गली तो फोन काट दिया।

फर्जी काल, मैसेज से सावधान रहे

साइबर सेल प्रभारी आरके साहू ने बताया कि ठगों के काल, मैसेज और फेक एप को आम लोग समझ नहीं पाते। ऐसे में हर कोई चाहता है कि उसे पहले वैक्सीन लग जाए। इसी का फायदा उठाने की कोशिश में साइबर अपराधी लगे रहते हैं। साइबर ठग आपके बैंक खाते से पैसा निकालने के लिए उन्हें सिर्फ एक ओटीपी जानना पड़ता है, जो व्यक्ति इस फेक एप को डाउनलोड करेगा उसका मोबाइल साइबर अपराधी हैक करके ओटीपी की जानकारी लेकर बैंक खाते में सेंध लगाकर पैसा निकाल लेते है। ऐसे में सभी को सावधान रहने की जरूरत हैं।

Patrika Look

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