छत्तीसगढ़

पांच दिन पूजा के बाद घर पर ही किया झूलेलाल की प्रतिमा का विसर्जन

रायपुर। पांच दिन पहले नौ अप्रैल को सिंधी समाज के घर-घर में भगवान झूलेलाल की प्रतिमा विराजित की गई थी। प्रतिदिन सुबह-शाम आरती में भक्ति उल्लास छाया था। लॉकडाउन में नदी, तालाब न जा सकने के चलते बुधवार को अंतिम दिन घर पर ही बाल्टी में रखकर प्रतिमा का विसर्जन किया गया। समाज, देश और संपूर्ण विश्व से कोरोना महामारी का खात्मा करने की प्रार्थना की गई। इसी के साथ पांच दिवसीय महोत्सव का समापन हुआ।

नौ साल में जागरूक हुए बच्चे, युवा
राजधानी में घर-घर प्रतिमा विराजित करने का सिलसिला लगभग नौ साल पहले सिंधु एकता संघ के सुभाष बजाज के नेतृत्व में किया था। संत युधिष्ठिरलाल एवं संत सांई लालदास की प्रेरणा से निश्शुल्क प्रतिमाएं देकर घर में विराजित करने का अभियान चलाया था। शुरुआत में 500-1000 प्रतिमाएं बांटने से शुरू हुआ सिलसिला इस साल 10 हजार प्रतिमा तक पहुंच गया। इसी दौरान राष्ट्रीय सिंध युवा ब्रिगेड के विशाल कुकरेजा ने भी संतों से प्रेरणा लेकर अभियान शुरू किया। राजधानी से होते हुए अन्य शहरों में भी प्रतिमाएं विराजित की जाने लगी। इससे सिंधी समाज के बच्चों, युवाओं में धर्म के प्रति रूचि जागृत हुई।

तुलसी पौधे में डाली मिट्टी
प्रतिमा विसर्जित करने के बाद उस मिट्टी को घर में ही तुलसी पौधे में डालने के लिए प्रेरित किया गया।

ओम जय दूलह देवा की गूंज
सिंधु एकता संघ के नेतृत्व में सुभाष बजाज, संयोजक महेश दरयानी अध्यक्ष चंद्र कुमार माखीजा, रिक्की जुड़ानी भारत चंदवानी, ज्ञानू उदासी, संतोष डोडानी ,सुनील रामवानी, विजय लहरवानी, दिनेश भोजवानी, गुरमुख आहूजा, तनेश आहूजा, राजेश गंगवानी, श्याम गजवानी, भरत बजाज, कुमार बोधवानी, योगेश नानवानी, सुरेंद्र जसरानी, राकेश लुडवानी, सूरज जेठानी समेत अनेक सदस्यों ने अपने परिवार में विसर्जन किया ओर ओम जय दूलह देवा भजन गाकर भक्तिभाव जगाया।

Patrika Look

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