फरसगांव तहसील की समस्याओं के समाधान की मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, भाकपा व नौजवान सभा ने
कोंडागांव। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी और अखिल भारतीय नौजवान सभा के दिनेश मरकाम, बिसम्बर मरकाम, जयप्रकाष नेताम व छेदीलाल द्वारा फरसगांव तहसील की स्थानीय समस्याओं के समाधान किए जाने की मांगों को लेकर महामहिम राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री छग षासन को सम्बोधित ज्ञापन को तहसील कार्यालय फरसगांव में पहुंचकर तहसीलदार को सौंपा गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कोण्डागांव जिले के फरसगांव तहसील में शिक्षा, चिकित्सा, सिंचाई, सड़क निर्माण, विद्युत लाईन आदि कार्यों के लिए लिए शासन-प्रशासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। शासन-प्रशासन के उदासीन रवयै की वजह से फरसगांव तहसील का विकास थम सा गया है। क्षेत्र में व्यवसायिक पाठ्यक्र्रम की सुविधा नहीं होने के परिणामस्वरुप क्षेत्र के विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए बाहर जाना पड़ता है। चिकित्सा का स्तर अत्यन्त निम्न कोटी का है, सामान्य सर्दी-खांसी के ईलाज लिए भी तहसील से बाहर जाना पड़ता है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2008 पूरे देष में एक साथ लागु हुआ, जिसे लागु हुए दस वर्ष से अधिक का समय हो चुका हैै, पर कई वास्तविक हकदारों को वनाधिकार कानुन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शासन द्वारा गांवों का सीमांकन भी ग्रामीणों से बिना चर्चा किए किया गया है, जिससे ग्रामीणों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गयी है। भूमिहीन किसानों द्वारा जब वन भूमि पर कब्जा कर कृषि कार्य प्रारंभ किया गया, तो उस दौरान गांव की सीमायें अलग थी। इसी दौरान वन विभाग द्वारा वनों का सीमांकन कर वन की सीमायें संबंधित ग्राम पंचायतों से सलाह-मशवरा किए बिना की गयी, जिससे गांवों की सीमायें परिवर्तित हो गयी है, जिससे गांवों में वनाधिकार पट्टा को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गयी है। शासन प्रशासन द्वारा भी वनाधिकार प्रपत्र दिये जाने में दोहरी नीति अपनायी जा रही है। भा.क.पा.और अ.भा.नौजवान सभा इसी तरह की समस्याओं को लेकर लगातार आन्दोलनरत रही हैे। लेकिन स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। यही कारण है कि फरसगांव तहसील की उक्त समस्याओं का निराकरण कर आवष्यक कार्यवाही करने हेतु भाकपा और अखिल भारतीय नौजवान सभा जिला कोण्डागांव की तहसील शाखा फरसगांव 8 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन आवष्यक कार्यवाही हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं। 8 मांगों में कोण्डागांव जिले के फरसगांव तहसील के उप तहसील बड़ेडोंगर को पूर्ण तहसील का दर्जा देते हुए बड़ेडोंगर में तत्काल महाविद्यालय की स्थापना की जाए। जल संसाधन विभाग कोण्डागांव द्वारा ग्राम कबोंगा व हाथीपखना के मध्य बहने वाली भंवरडीग नदी पर निर्मित एनीकट जो निर्मित होने के तुरन्त बाद वर्श 2015 में ही टुट गया है का तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाय। तहसील फरसगांव में विषेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति तत्काल की जाय। फरसगांव तहसील के सभी जाति वर्ग के लोगों को जो वन भूमि पर वर्ष 2005 के पूर्व से काबिज काष्त हैं उन्हें वरियता के आधार पर अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2008 के प्रावधानों के तहत वनाधिकार प्रपत्र तत्काल प्रदान किया जाय। वे किसान जो 2005 के पूर्व से वन भूमि पर काबिज होकर कृषि कार्य कर रहे हैं व उन्हें अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2008 के तहत वन अधिकार मान्यता प्रपत्र प्राप्त नहीं हो पाया है व उनके द्वारा काबिज भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधा रोपण किया जा रहा है उस पर तत्काल रोक लगायी जाये। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों से बिना सलाह मषविरा किये वनों की सीमायें निर्धारित की गयी है, जिससे ग्रामीणों में सीमा विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, उस पर तत्काल जांच कमेटी बैठाकर ग्रामीणों की सलाह से वनों की सीमायें निर्धारित की जाये। फरसगांव तहसील में विद्युत की लो वोल्टेज की समस्या का निदान तत्काल किया जाय। महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत कार्य करने वाले मजदुरों की मजदुरी का तत्काल नगद भुगतान किया जाय। प्रधान मंत्री आवास योजना के हितगा्रहियों को निर्माण सामाग्री व मजदुरी का भुगतान तत्काल किया जाय।