पुलिस जवान द्वारा ड्यूटीरत शिक्षक पर लाठीचार्ज घोर आपत्तिजनक – टीचर्स एसोसिएशन
कोंडागांव। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन जिला कोंडागांव के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रकांत ठाकुर, प्रदेश महामंत्री नीलम श्रीवास्तव, संयोजक यादवेंद्र सिंह यादव, अखिलेश राय, जिला सचिव संजय कुमार राठौर, जिला उपाध्यक्ष नरेश ठाकुर, अरूण नेताम, सदाराम चतुर्वेदानी, नवल कुलदीप, चंद्रकांत जैन, प्रदेश महिला प्रकोष्ठ मालती ध्रुव, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष दंतेश्वरी नायडू, जिला उपाध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव, ब्लॉक अध्यक्ष मन्नाराम नेताम, कर्ण सिंह बघेल, राम सिंह मरापी, प्रभुलाल केमरो, रमेश प्रधान ने घटना की घोर निंदा करते हुए बताया कि दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लॉक में कोविड-19 ड्यूटी में लगे विजेंदर गुप्ता सहायक शिक्षक के साथ DRG के जवान द्वारा 28-मार्च 2021 9:30 सुबह के आसपास किरन्दुल मार्केट में मारपीट करते हुए डंडे बरसायी गई ।
कोविड ड्यूटी हेतु जारी पास परिचय पत्र को मानने से इनकार कर दिया व उसे फेक दिया । इस पूरे घटनाक्रम से शिक्षक मानसिक व शारिरिक रूप से बहुत पीड़ित हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन दंतेवाड़ा के जिलाध्यक्ष उदयप्रकाश शुक्ला एवं अन्य संगठन के पदाधिकारियों द्वारा इस सम्बंध में अनुविभागीय अधिकारी बचेली प्रकाश भरतद्वाज को फोन से घटना की जानकारी दी गई । जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी बचेली ने इसकी जानकारी कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक महोदय दी। सभी संगठन के पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर दंतेवाड़ा दीपक सोनी एवं पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉ. अभिषेक पल्लव से मिलकर आरोपी सिपाही के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्यवाही का आश्वासन दिया गया ।कोरोना महामारी के बीच शिक्षक बिना बीमा और बिना किसी सुरक्षा उपकरण के अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहा है। संवेदनशील क्षेत्र में DRG के सिपाही द्वारा शिक्षक के साथ किया गया व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नही हैं । इससे प्रदेश के शिक्षकों में गहरा असंतोष है । कोरोना महामारी के दौरान सभी विभाग को सामंजस्य स्थापित अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए । ऐसे बर्बरता पूर्ण पुलिसिया कार्यवाही से शिक्षक संवर्ग निश्चिंत होकर अपना कर्तव्य पूरे मन से नहीं कर पाएंगे । निश्चित ही इस मामले में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जिससे जिले के किसी अन्य शिक्षक या कर्मचारियों के साथ ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।