पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर भयंकर रूप में दिख रही है लेकिन अब आम जनता जानना चाहती है कि पहले ही देश के नुमाइंदे इस ओर सचेत क्यों नहीं हुए। आज सबको समझ में आ गया यहां पर आग लगे तो कुआं खोदो की स्थिति हमेशा से चली आ रही है और चलती रहेगी हम नवंबर 2020 के बाद सब कुछ भूल गए थे कि चंद महीने पूर्व क्या हाहाकार मचा था। कोरोना रूपी महामारी अंदर ही अंदर धधक रही थी। सबसे पहले महाराष्ट्र में दावानल बनी छत्तीसगढ़ में जनवरी से सचेत होने की बात थी, और पूरे देश में एतिहात बरतना आवश्यक था लेकिन फिल्म थ्री ईडियट् के फेमस डायलॉग ऑल इज वेल की स्थिति हमारे देश के रहनुमाओं द्वारा बताई जा रही थी। अब स्थिति सामने है। वैश्विक महामारी में कोई देश नहीं बचता इसलिए भारत में सावधानी और बचाव की प्रथम दृष्टया जिम्मेदारी प्रदेश की नहीं देश के शीर्ष नेताओं की थी चाहे वे सत्ता पक्ष में हो या विपक्ष में, संविधान में भी केंद्रीय सत्ता को बहुत सशक्त अधिकार दिए गए हैं। देश में हुये कुछ राज्यों के चुनाव और वहां नेताओं के शक्ति प्रदर्शन चुनावी रैलियों ने पूरे देश कीआम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया और इसी बीच कोरोना से मचे हाहाकार ने देश की शीर्ष अदालत का भी ध्यान अपनी और खींचा और उन्हें मामला स्वयं संज्ञान में लेना पड़ा इसके साथ एक राज्य की हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से बेहद सर्वोत्तम टिप्पणी भी की है। थोड़ी-थोड़ी सावधानी शुरू से की जाती तो स्थिति इतनी भयानक नहीं होती। तोआम जनता की व्यथा ढेर सारी हैं।
अब बात हम अपने क्षेत्र की करते हैं पांडुका व आस-पास के अंचल नवापारा राजिम क्षेत्र के साथ रायपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों कि जहां किराना सामान के बेतहाशा दाम बढ़ रहे हैं। कोरोना काल में लाकडाउन सहित स्थानीय स्तर पर सभी जिलो में कलेक्टर आदेशित कर रहे हैं लाकडाउन और अन्य गाइडलाइन का इसमें किराना समान की सप्लाई ठेलो हल्के मालवाहक वाहनों और घर घर पहुंचाने का फरमान जारी किया गया है जोकि व्यवहारिक रुप से किराना व्यवसाई और कस्टमर दोनों के लिए बहुत ही ज्यादा कठिन है। इसके लिए आम जनता प्रशासन से निवेदन कर रही है कि कोई सुगम रास्ता निकाला जाए । खाद्य तेलों के दाम पर आग लगी हुई है जिनके दाम छह माह पूर्व के हिसाब से 50 से 70 परसेंट तक बढ़ चुके हैं इसी तरह से दैनिक उपभोग की सभी वस्तुओं के बेतहाशादाम बढ़े हुए हैं। आखिर इतनी जमाखोरी या अभाव कहां से पैदा किया जा रहा है यह जिम्मेदारी सरकार की है और उसे त्वरित कदम उठाना चाहिए अगर सप्लाई बाधित है तो उसे दूर करने की जिम्मेदारी सरकार की है। कोरोना महामारी और महंगाई की महामारी दोनों की मार प्रदेश के साथ पूरे देश की जनता झेल रही है। किराना सामान के साथ ड्राई फ्रूट और फ्रूट्स के दाम भी आसमान छू रहे हैं। जिला कलेक्टर गाइड लाइन में कह रहे हैं वाजिब दाम से ज्यादा कोई भी सामान को बेचते पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी तो यह कार्यवाही कब होगी अगर प्रशासन से पूछा जाए तो कहेंगे शिकायत पर आम जनता की कोई सुनता है क्या सरकार का खाद्य विभाग सहित अन्य भारी-भरकम अमला इस पर ध्यान देते हुए कार्यवाही करें।