देश विदेशबड़ी खबरराजनीति

क्या ममता की जीत से बिहार राजनीति में मचेगी हलचल….

पटना/कोलकाता पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election Result 2021) में वोटों की गिनती जारी है। अब तक आए रुझानों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने की ओर बढ़ती दिख रही है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल चुनाव के रिजल्ट को लेकर बिहार की राजनीति (Bihar Poltics) में भी हलचल तेज हो गई है। जेल में बंद मोकामा के बाहुबली आरजेडी विधायक अनंत सिंह (Mokama vidhayak Anant singh) के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है जिसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है।

अनंत सिंह के ट्वीटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया है- ‘यदि बीजेपी बंगाल जीती तो झारखण्ड सरकार पे ख़तरा, और अगर टीएमसी जीती तो बिहार सरकार पे ख़तरा।’ बाहुबली विधायक के इस ट्वीट को लेकर इसलिए भी चर्चा है क्योंकि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी जमानत मिल चुकी है।

अनंत सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए सीधे-सीधे संकेत दिए हैं कि बिहार की राजनीति में भी परिवर्तन दिख सकता है। दरअसल, पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बनी है। वहीं बीजेपी 74 और आरजेडी को 75 सीटें आई हैं। इसके बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी है।
सरकार बनने के बाद से लगातार बीजेपी की राज्य ईकाई के लोग कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार चलाने में मनमानी करते हैं। खुद डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के सामने स्वीकार चुके हैं कि सरकार पर बीजेपी के एजेंडे की छाप नहीं दिख पा रही है। हाल ही में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने वीकेंड लॉकडाउन की सलाह दी थी, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे नकार दिया है। इसके बाद जेडीयू के नेता लगातार संजय जायसवाल पर आक्रामक दिखे।

लालू और शहाबुद्दीन के प्रति नरम दिखे नीतीश!
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने पर पत्रकारों के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह कोर्ट का मामला है इसलिए वह इसपर कुछ नहीं बोलेंगे। जबकि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश ने लालू और राबड़ी पर कई निजी हमले किए थे। इसके बाद विधानसभा में तेजस्वी यादव की ओर से लगातार हमले किए जाने पर नीतीश कुमार ने झुंझलाहट में कहा था कि लालू यादव के कहने पर उन्होंने तेजस्वी यादव को डेप्युटी सीएम बनाया था।

इसके अलावा आरजेडी के बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जेल में कोरोना से मौत के बाद भी नीतीश कुमार ने बिल्कुल सधे शब्दों में दुख व्यक्त किया है। नीतीश कुमार सीएम बनने के बाद से लगातार अपने संगठन को भी मजबूत करने में जुटे हैं।बीजेपी के हर बढ़ते कदम के साथ ममता बनर्जी फेल क्यों? राजनीतिक विश्लेषक सौरभ मालवीय से समझें


दूसरे चुनाओं के रिजल्ट देखकर बदलती रही है बिहार की राजनीतिक फिजा

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की करारी हार होने पर नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री का पद त्याग दिया था। फिर उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में लालू यादव और कांग्रेस के हाथ मिलाकर बीजेपी को पटखनी दी थी। इसके बाद के विधानसभा चुनावों के बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए नीतीश कुमार ने लालू यादव से दोस्ती खत्म कर दोबारा से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। इन उदाहरणों को देखकर चर्चाओं का बाजार गरम है कि क्या टीएमसी की पश्चिम बंगाल में हैट्रिक लगाने से बिहार की राजनीति में भी हलचल दिख सकती है।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *