लापता पुलिस जवान का 6 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला
कांकेर। जिले के धुर नक्सल प्रभावित कोड़ेकुर्से थाना में पदस्थ लापता पुलिस जवान के 06 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। कांकेर और राजनांदगांव दोनों जिले की पुलिस टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन जवान का कोई पता नहीं चल सका है। इधर पुलिस नक्सली वारदात से इंकार कर रही है। अभी तक नक्सलियों ने किसी भी प्रकार का पर्चा जारी नहीं किया है। पुलिस लापता जवान को आपसी रंजिश भी बता रही है। एएसपी गोरखनाथ बघेल अपनी टीम के साथ उस जगह पर पहुंचे जहां जवान की बाइक लावरिस हालात में मिली थी। जिसके बाद एएसपी ने जवान के गांव कोड़ेकुर्से पहुंचकर परिजनों से मुलाकात किया है, उन्होंने जवान को जल्द खोज निकालने की बात कही है।
उल्लेख्निय है कि सहायक आरक्षक मनोज नेताम 28 अप्रैल से लापता है। पुलिस जवान के लापता होने के पीछे नक्सलियों का हाथ होने से अधिकारियों ने इनकार किया है, पुलिस इसे आपसी रंजिश का मामला बता रही है। सवाल यह है कि आपसी रंजिश के कारण जवान गायब हुआ है, तो 05 दिन बाद भी उसका पता कैसे नहीं चल सका? वहीं नक्सलियों ने भी अब तक जवान के अपहरण को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। जिससे मामला उलझता जा रहा है और पुलिस की परेशानी बढ़ती जा रही है। मनोज नेताम के सहायक आरक्षक के पद पर भर्ती होने के पहले नक्सलियों ने उससे पुलिस मुखबिरी के शक में मारपीट की थी। परिजन और ग्रामीणों का कहना है कि मनोज के लापता होने के पीछे नक्सलियों का ही हाथ है। हालांकि पुलिस मामले के हर पहलूओं से जांच करने की बात कह रही है।
जवान की पत्नी प्रेमबति ने कहा कि यदि उनके पति का नक्सलियों ने अपहरण किया है तो वो उनसे गुजारिश करती हैं कि उन्हें सकुशल रिहा कर दें। क्योंकि वह घर में अकेले कमाने वाले हैं और उन पर तीन मासूम बच्चों और बुजुर्ग पिता की जिम्मेदारी है।