छत्तीसगढ़

कोरोना से बचाव को फिंगेश्वर ब्लाक के गांवों में बना रहे कंट्रोल रूम

विकासखंड के सभी 72 ग्राम पंचायतों में कोरोना निगरानी दल के साथ ही 24 घंटे सक्रिय कंट्रोलरूम भी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथाम तथा संकमितों पर पुख्ता निगरानी रखी जा सके।

फिंगेश्वर। विकासखंड के सभी 72 ग्राम पंचायतों में कोरोना निगरानी दल के साथ ही 24 घंटे सक्रिय कंट्रोलरूम भी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की रोकथाम तथा संकमितों पर पुख्ता निगरानी रखी जा सके। इसके चलते कई गांवों में निरानी दल व कंट्रोल रूम बनाया चुका है, वहीं कई गांवों में एक-दो दिन में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। फिंगेश्वर नगर में भी पुलिस निगरानी कर रही है साथ ही लाकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।

जनपद पंचायत फिंगेश्वर के सीईओ कृष्णकुमार डहरिया ने सभी पंचायतों के सरपंचों, सचिवों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि की बैठक लेकर ग्रामीण क्षेत्र में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पाजिटिव प्रकरण 60 प्रतिशत है जबकि शहरी क्षेत्र में 40 प्रतिशत है। सीईओ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबांधों का कड़ाई से पालन कराएं, होम आइसोलशन के मरीज की तबीयत बिगड़ने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती की व्यवस्था हो ताकि मृत्यु कम से कम हो। गांव में मितानिन के माध्यम से दवा वितरण सुनिश्चित हो तथा गांव में निगरानी सख्त हो। उन्होंने कहा कि ग्राम एवं पंचायत स्तर पर कोरोना निगरानी दल का गठन जाए जिसमें सरपंच ,पंच, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार तथा गांव में रहने वाले शिक्षक शामिल हो। यह दल गांव की पूरी निगरानी करेगा और हर आने जाने वाले लॉकडाउन का उल्लंघन, होम आइसोलेशन के मरीजों की निगरानी भी करेगी। दल प्रभारी कोई भी सूचना तत्काल फोन पर कंट्रोल रूम को सूचित करेगा। डहरिया ने कहा कि निगरानी दल के साथ प्रत्येक पंचायत में एक मॉनिटरिंग रूम बनाया जाए जिसमें जिसमें सक्रिय व्यक्तियों की ड्यूटी लगाई जाए। सीईओ के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में निगरानी दल व कंट्रोल रूम बनाने का कार्य शुरू हो चुका है।

मानिटरिंग रूम में रहेगा शिकायत पंजी

मॉनिटरिंग रूम में शिकायत पंजी भी रहेगा जिसमें किसी प्रकार की शिकायत हो तो उसे दर्ज की जा सके। हर स्तर पर मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था के लिए पंचायतों का क्लस्टर बनाया जाएगा और इसका भी प्रभारी अधिकारी रहेगा। एक क्लस्टर में 10 पंचायतों को शामिल करना है। क्लस्टर प्रभारी करारोपण अधिकारी या आरईइस के सब इंजीनियर को बनाया जाएगा। जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए जनपद पंचायत कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

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