छत्तीसगढ़

लॉक डाऊन से ईमली के 600 करोड़ के कारोबार पर लगा ग्रहण

-अप्रैल तक मंडी में 74,417 च्ंिटल इमली की आवक हुई-

जगदलपुर। जिले के कृषि उपज मंडी में प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपए की इमली का कारोबार होता है। इस बार लॉक डाऊन के कारण मंडी और उपमंडियों में वीरानी है, बस्तर एशिया की सबसे बड़ी ईमली मंडी मानी जाती है, जहां इस वर्ष 600 करोड़ रुपए के कारोबार पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। मंडी व्यापारियों के अनुसार बस्तर की इमली के स्वाद के दीवाने न केवल दक्षिण भारतीय हैं, बल्कि खाड़ी के कई देशों तक यहां से इमली निर्यात की जाती है।
व्यापारियों के अनुसार ईमली के इस कारोबार में समय की अहम् भूमिका होती है, समय पर निर्यात किए गए ईमली का अच्छा मूल्य मिलता है। समय गुजर जाने के बाद व्यापारियों को कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उपज को संग्रहित कर रखने का खर्च भी व्यापारियों के ही मत्थे आता है। इस बार भी पिछले वर्ष की तरह ईमली के सीजन में लॉक डाऊन लागू हो जाने से खासा नुकसान संभावित माना जा रहा है। फरवरी से प्रारंभ होने वाले ईमली के सीजन में कारोबारी जमकर उपज की खरीदी करते हैं। बीते साल की तरह इस बार भी मार्च से कोरोना संक्रमण उफान पर है। ऐसे में शुरूआती दिनों में थोड़ी-बहुत आवक ही हो पाई थी, जिसके बाद पूरा कारोबार समेटना पड़ गया।
मंडी उपनिरीक्षक अशोक शर्मा ने बताया कि लॉक डाऊन के चलते कंटेनमेंट जोन होने की वजह से कोपागुड़ा कृषि उपज मंडी सहित जिले भर की सभी उपमंडियों में सन्नाटा पसरा है। इस वर्ष अप्रैल तक मंडी में 74,417 च्ंिटल इमली की आवक हुई। लॉक डाऊन की वजह से मंडी उपमंडियों में संग्राहक, व्यापारी और हमाल नहीं पहुंच रहे हैं उपजों की आवक नहीं हो रही है।

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