छत्तीसगढ़

बिन कोविड जांच के लोगों के उपचार पर दो झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही

कोंडागांव। कोरोना महामारी के दौर में लोगों के जान को जोखिम में डालकर झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा घर पर ही मरीजों का उपचार करने की शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त हो रही थीं। जिसे गंभीरता से लेते हुये कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के आदेशानुसार सीएमएचओ डॉ. टीआर कुंवर के मार्गदर्शन में गठित संयुक्त जाँच दल ने ग्राम किबईबालेंगा के कथित झोला छाप डॉक्टरों के यहां अचानक दबिश दी। जांच के दौरान दीपक हलधर पिता मनोरंजन हलधर के निवास में जांच करने पर बड़ी संख्या में दवाइयां भंडारित पाई गई। पहले तो पूछताछ में परिजनों ने दवाईयां खुद के इस्तेमाल की होने की बात कही लेकिन जब टीम ने सख्ती पूछताछ की तो उनके द्वारा इस संबंध में कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहे। जिस पर टीम ने दवाइयों को जप्त कर कथित झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध प्रकरण तैयार किया है। संदिग्ध डॉक्टर दीपक हलधर मौके पर नहीं पाये गए किंतु परिजनों के द्वारा दवाइयां छुपाने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों से पड़ताल करने पर दीपक द्वारा इलाज किये जाने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। एक अन्य व्यक्ति के यहां छापा मारने पर इलाज किये जाने संबंधी सामग्रियां नहीं प्राप्त हुईं। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के दौर में सभी अस्वस्थ लोगों को कोविड-19 जांच उपरांत ही चिकित्सक की सलाह से दवाइयां लेने के निर्देश शासन प्रशासन द्वारा जारी किये गए थे एवं लगातार जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। किंतु कुछ लोगों द्वारा आपदा को अवसर समझ ग्रामीणों को बहकाने का कार्य किया जा रहा है। इसे रोकने के लिये स्वास्थ्य, राजस्व, खाद्य औषधि विभाग की संयुक्त दल गठित कार्यवाही की गईं। इस दल में तहसीलदार गौतमचन्द पाटिल, डॉ सूरज राठौर, खाद्य एवं औषधि अधिकारी डोमेंद्र ध्रुव, औषधि निरीक्षक सुखचैन धुर्वे सहित अन्य कर्मचारी शामिल रहे।

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