अमृत महोत्सव की एक बूंद 76 वर्ष बाद भी गुमगा गांव में नहीं पहुंची, गांव मूलभूत सुविधा से कोसों दूर
गांव के लोगों ने बताया मूलभूत सुविधाओं से वंचित हमारा गांव हैं
कोंडागांव/बस्तर । पत्रिका लुक
एक और आजादी के 76 वां वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वही बस्तर में आज भी कई ऐसे गांव है जहां आज भी अमृत का एक बूंद उस गांव गांव तक नहीं पहुंची फिर कैसा आजादी का अमृत महोत्सव मनाया मनाया रहे है। क्या उस क्षेत्र के विधायक, सांसद, सरपंच पंचायत सहित तमाम जनप्रतिनिधियों को अपने ही देश के लोगों तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सके तो फिर किस बात के है ये जनप्रतिधि। खेर वोट की राजनीति है और ओर वटक ही जनता से वादा कर जनता का उपयोग किया जाता है ।
आपको बतादें की इस गांव के लोग विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर हैं। जिले व तहसील मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर ग्राम पंचायत कुगारपाल के अंतर्गत आश्रित ग्राम गुमगा नयापारा
गांव के लोग वर्षों से नाला पार कर मुख्यालय व पंचायत जाने में मजबूरी बन चुका है । इन्हें सुलभ जीवनयापन के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।
ग्रामीण जग्गूराम ,उमेश बघेल , श्रीमती रुक्मणी बघेल ने बताया अनुसार इस गांव में न तो पक्की सड़क की उपलब्धता के लिए कोई सरकारी योजना संचालित है, नही गांव से शहर की ओर जाने के लिए पक्का मार्ग ही यहां निर्मित हो सका है। इसके अलावा उनका जीवन नरक समान है। यदि किसी घर में कोई बीमार पड़ जाए तो यहां पर एंबुलेंस आदि का आना नामुमकिन है। ग्रामीण ही अपने बीमार स्वजन को चारपाई पर लेटाकर उसे कांधे पर रखकर शहर की ओर भागते हैं। इसे लेकर कई बार शिकायतें की गईं, राहत मांगी गई लेकिन आज तक कुछ नहीं।
वही देश की आजादी को भले ही 75 साल से अधिक का वक्त हो गया हो लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिला है।वे आज भी समस्यारूपी गुलामी में जीने को विवश हैं। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दर्जनों योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। ग्राम विकास के दावे किए जा रहे हैं लेकिन इसका लाभ गुमगा नयापारा गांव के लोगों को नहीं मिला है। वर्तमान में बारिश के चलते यहां पर पुल पुलियां संकट बना हुआ है। ग्रामीण नाला से परेशान रह रहे है । ग्रामीणों के अनुसार गांव में पुरुष-महिलाएं, बच्चे आदि सभी नाला को पार कर पंचायत व जिला मुख्यालय पहुचते है । ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों से लेकर जनपद तक के जिम्मेदारों को यहां के हालातों के बारे में पता है।
जनपद सीईओ राठौर ने कहा कि गुमगा गांव में तीन पुलिया स्वीकृति हुई है बरसात के आने के चलते नहीं हो पाया था बरसात खत्म होने के बाद दिसम्बर महा तक कंप्लीट हो जाएगा।