एक से छीनी दुकान, जिसके खिलाफ शिकायत उसे ही दे दिया चलाने का जिम्मा
रायपुर राजधानी की राशन दुकानों में राशन घोटाले की परत खुलती ही जा रही है। नईदुनिया की खबर के बाद जिला प्रशासन ने कई राशन दुकानों की जांच शुरू कर दी है। कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर शुक्रवार को खाद्य विभाग की टीम कई दुकानों पर जांच करती रही। पहली रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 69 माधव राव सप्रे में संचालित रिद्धि सिद्धि प्राथमिक उपभोक्ता भंडार दुकान क्रमांक 441001160 को निलंबित कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि इस दुकान को चलाने के लिए जिला प्रशासन ने जय मां खल्लारी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार दुकान क्रमांक 441001035 को जिम्मेदारी दी है। इस दुकान के खिलाफ पहले ही हितग्राहियों ने शिकायत कर रखी है। राजधानी के डगनिया स्थित इस दुकान क्रमांक 441001035 से राशनकार्डधारी क्रमांक 223877009696 ने शिकायत कर जानकारी दी है कि उन्होंने केवल एक बार राशन निकाला है, लेकिन उनके कार्ड से चार बार राशन निकलना ऑनलाइन दिखाया जा रहा है।
उनके परिवार से किसी ने राशन नहीं उठाया है। बिना अंगूठा का छाप और हस्ताक्षर के ही राशन निकालने से परिवार के लोग हतप्रभ रह गए। इसी तरह इसी दुकान से एपीएल राशन कार्डधारी क्रमांक 223875306178 के कार्ड बनने के बाद केवल दो बार राशन लिया गया है।
राशन कार्ड में भी दो बार एंट्री है, पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता की वेबसाइट पर लाभान्वित का मिनी स्टेटमेंट ऑनलाइन देखने पर दुकान क्रमांक 441001035 से नौ बार 35-35 किलो राशन निकला है। इलाके में इसी तरह कई केस हैं। मामले में मां खल्लारी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार के संचालक दीपक अग्रवाल ने नईदुनिया से बातचीत में कहा कि इस मामले में अभी मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा।
पार्षद की पर्ची से बंटता रहा राशन
खाद्य विभाग राशन घोटाले के इस खेल में कुछ जनप्रतिनिधियों की भी मिलीभगत की जानकारी आ रही है। जानकारी के मुताबिक, यहां के पार्षद वीरेंद्र देवांगन राशनकार्ड के बिना पर्ची काटकर रिद्धि सिद्धि प्राथमिक उपभोक्ता भंडार को राशन देने के लिए कहते रहे। दुकान संचालक का आरोप है कि पार्षद ने लगातार दवाब बनाकर राशन निकलवाया है। इधर, खाद्य विभाग की जांच में पता चला है कि पार्षद ने 200 से अधिक राशन कार्ड अपने पास रख लिया था। जबकि नियमानुसार राशन कार्ड रखने का अधिकार पार्षदों को नहीं है।
कायदे से इन कार्डों को हितग्राहियों को देना चाहिए। मामले में पार्षद वीरेंद्र देवांगन का कहना है कि दुकानदार के कहने पर ही उन्होंने पर्ची जारी की थी। कमोबेश यही हालात अन्य दुकानों में भी जहां से शिकायतें आ रही हैं। इधर, खाद्य विभाग ने जोन कार्यालय से उपभोक्ताओं को राशनकार्ड पार्षद को देने के संबंध में जांच प्रारंभ कर दी है।
रायपुर के सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश के तहत नगरीय निकाय को ही राशन कार्ड हितग्राही को देने की व्यवस्था है। पार्षद कार्यालय से लगभग 200 राशनकार्ड औऱ पीडीएफ सहित राशनकार्ड के जांच के लिए लाया गया है।
केस 01 : एपीएल राशन की चोरी
चौबे कॉलोनी निवासी आशीष गनौदवाले ने बताया कि बताया कि उनके परिवार में पांच सदस्य हैं। उन्होंने राशन कार्ड क्रमांक 223874250432 से केवल दो बार राशन निकाला है। ऑनलाइन में तीन बार राशन निकालना दिखा रहे हैं। अगस्त में दो बार राशन लेना दिखा रहा है, जबकि एक ही बार राशन लिया है। दुकान क्रमांक 441001038 से राशन उठना दिखाया जा रहा है।
केस 02 : टोल फ्री पर शिकायत पर कार्रवाई नहीं
चौबे कॉलोनी रायपुर में रहने वाले अंशुमान ने बताया कि जबसे राशन कार्ड लिया है, तबसे एक बार ही राशन लिया है, लेकिन छह बार राशन आहरण दिखा रहा है। उन्होंने बताया कि मैंने टोल फ्री नंबर 1800 233 3663 में शिकायत भी की है। उनका शिकायत नंबर A24785 है। दुकान क्रमांक 441001037 से राशन उठना दिखाया जा रहा है।
केस 03 : 10 किलो चावल लिया और छह महीने से भर रहे 35 किलो का हिसाब
डीडी नगर में रहने वाले गिरीश दुबे ने बताया कि उन्हाेंने केवल 10-10 किलो ही राशन उठाया है, लेकिन 35 किलो राशन उठना दिखाया जा रहा है। उनके राशन कार्ड क्रमांक 223878587387 से दुकान क्रमांक 441001033 द्वारा राशन आहरित दिखाकर रहा है ,जो कि फर्जी एंट्री है।
केस 04 : मनमानी राशन निकाल लिया कोटेदार
राजधानी के गुढ़ियारी निवासी एस जगन्नाथ राव ने बताया कि उनके पास सामान्य एपीएल कार्ड है। राशन कार्ड का नंबर 223874458800 है। दुकान क्रमांक 441001018 से फर्जी राशन निकाला जा रहा है।