छत्तीसगढ़

राज्योत्सव में नहीं करेंगे नृत्य, आरक्षण में कटौती से नाराज आदिवासीजन – नौजवान सभा

कोण्डागांव । पत्रिका लुक
आरक्षण में कटौती से नाराज आदिवासीजन, राज्योत्सव में नृत्य प्रदर्षन नहीं करेंगे के सम्बन्ध में कोण्डागांव जिले के जिला अध्यक्ष मुकेश मंडावी अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, जिला अध्यक्ष बिसम्बर मरकाम अखिल भारतीय नौजवान सभा, जिला सचिव जयप्रकाश नेताम संयुक्त रुप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छग राज्य सरकार द्वारा राज्य उत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसका अखिल भारतीय आदिवासी महासभा व अखिल भारतीय नौजवान सभा द्वारा विरोध किया जाएगा, क्योंकि प्रदेश में आदिवासियों को मिल रहे 32 प्रतिषत आरक्षण का कम करके 20 प्रतिषत कर देने के बाद अगले माह 01 से 03 नवम्बर तक छ.ग.राज्य के सभी जिलों में राज्य उत्सव एवं आदिवासी नृत्य समारोह करने की सोच घोर निंदनीय है। 1 माह से ज्यादा हो गया है मुख्य मंत्री सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंच पाए हैं, बस केवल आश्वासन देकर आदिवासी समुदाय के भाले-भाले जनों को गुमराह कर राजनीतिक रोटी सेकते दिख रहे हैं। वहीं हमारे आदिवासी समाज के मंत्री, सांसद, विधायक भी के अपने मुंह में दही जमाए बैठे नजर आ रहे हैं। सम्भवतः 32 प्रतिषत से घटाकर 20 प्रतिषत आरक्षण कर देने से सत्ताधारी दल के विधायक, सांसद, मंत्रियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। जबकि होना यह चाहिए कि सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों को भी आदिवासियों की जायज आवाज को बुलंद करने आगे आना चाहिए। अखिल भारतीय आदिवासी महासभा व अखिल भारतीय नौजवान सभा के द्वारा भविश्य मेंऐसे सभी मौनी बाबा बने बैठे जनप्रतिनिधियों का विरोध किया जाएगा। भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती, क्योंकि वह आरक्षण में कटौती न करवाने में नाकाम हो चुकी है। क्या सरकारें आदिवासी का हित नहीं चाहती है, जो सरकार आदिवासियों के हित में काम नहीं कर सकती है, वह हितैषी कैसे हो सकती है? ऐसे ही फर्जी नक्सली मामले में सैकड़ों आदिवासियों की जिंदगी बर्बाद की जा रही, आदिवासियों पर लाठियां व गोलियां चल रही है, आदिवासियों के साथ अत्याचार, दुव्र्यवहार व शोषण हो रहा है। जल, जंगल, जमीन से जुड़े आदिवासीजनों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। आदिवासियों के घर तोड़ दिये जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार ऐसे मामलों में भी दोशियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। शासन प्रशासन मनमानी तरीके से अपना काम कर रही है, जबकि हसदेव में अडानी के लिए लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं, फर्जी ग्राम सभा प्रस्तावों के आधार पर नारायणपुर जिले के आमदई से करोड़ों रुपए का खनिज प्रतिदिन दोहन किया जा रहा है। सरकार ऐसे मामलों में कोई रोक नहीं लगा पा रही है। छत्तीसगढ़ की सता पर बैठी भूपेश बघेल सरकार अपना वादा पूरा करने के बजाए कार्पोरेट कंपनियों के साथ-साथ स्वयं को ही फायदा पहुंचाने के लिए काम करती नजर आ रही है। छग की कांग्रेस सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों को ही वादाखिलाफी में महारथ हासिल है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो अखिल भारतीय आदिवासी महासभा व अखिल भारतीय नौजवान सभा द्वारा उग्रआंदोलन किया जायेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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