पारम्परिक रीति-रिवाजों व ग्राम देवी-देवताओं का समागम के साथ हुआ वार्षिक मड़ाई का शुभारंभ
पूरे विधि-विधान के साथ ग्राम देवी-देवताओं ने मेला स्थल का किया परिक्रमा
कोण्डागांव । पत्रिका लुक
मंगलवार को पूरी आस्था-श्रद्धा और उल्लास के साथ संस्कृति एवं परम्परा के मेल-मिलाप सहित कोण्डागांव वार्षिक मेला का शुभारंभ हो गया। ज्ञात हो कि यह पारम्परिक मेला 5 मार्च तक चलेगा, छह दिवसीय इस पारम्परिक मेले में पहले दिन से ही जिले के साथ ही समीपवर्ती बस्तर एवं नारायणपुर जिले के ग्रामीणों और नागरिकों की भारी भीड़ रही। इस मेले में आसपास के ग्रामों से आये ग्रामीणों एवं उनके देवी-देवताओं के हुजूम ने आस्था और लोक संस्कृति के विभिन्न रंगों का प्रदर्शन किया और लोगों के द्वारा भीगे चावल एवं पुष्प-पंखुड़ियों की वर्षा के साथ देवी-देवताओं की आत्मीय अगुवानी की गयी।
धार्मिक आयोजन और लोक संस्कृति का अनूठा प्रतीक है कोण्डागांव मेला
कोण्डागांव के वार्षिक मेले में धार्मिक आयोजन के साथ-साथ लोक संस्कृति का अनूठा मेलमिलाप देखने को मिलता है क्योंकि मड़ई यहां मात्र मनोरंजन का आयोजन नहीं है बल्कि इसके माध्यम से क्षेत्र के निवासी अपने आराध्य देवी-देवताओं का पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर अपनी धार्मिक सद्भावना प्रदर्शित करते हैं। इस क्रम में देवी-देवताओं को मेला स्थल पर लाये जाने के पश्चात मुख्य पुजारियों एंव सिरहा-गायता सहित मांझी, ग्राम प्रमुखों द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की अगुवानी की गयी। सम्पूर्ण मेला स्थल की कलेक्टर दीपक सोनी के साथ पत्रकार बंधु
रिक्रमा भी परम्परागत दैवीय अनुष्ठान का एक प्रमुख अंग माना जाता है। इस क्रम में सर्वप्रथम ग्राम पलारी से आयी हुई माता डोली एंव लाट,देव विग्रह द्वारा सर्वप्रथम पूरी भव्यता के साथ परिक्रमा किया गया। तत्पश्चात उनके पीछे-पीछे अन्य ग्रामों के देवी-देवताओं एंव डोलियों ने उनका अनुसरण करते हुए परिक्रमा किया, इनके साथ ही छत्र एंव डंगई लाट, देव विग्रह पकड़कर उनके श्रद्धालु और ग्रामीण भी साथ चल रहे थे। इस दौरान पांरम्परिक आस्था के प्रतीक स्वरूप इन देव विग्रहों, लाटों को काले, सफेद,लाल झंडियों एंव फूलों से सजाया गया था और पूरा मेला स्थल ढ़ोल- नगाड़े,मोहरी एवं अन्य बाजे-गाजे की धुन से गूंज रहा था।
मेला मड़ाई में शामिल हुए
इस वर्ष भी कोण्डागांव के वार्षिक मेले में जिले के आस-पास के ग्रामों जैसे पलारी, भीरागांव, बनजुगानी, भेलवांपदर, फरसगांव, कोपाबेड़ा, डोंगरीपारा के ग्रामीण देवी देवता, माटीपुजारी, गायता, सिरहा-गुनिया आदि सम्मिलित हुए। जहां आराध्य मां दन्तेश्वरी के अलावा विभिन्न समुदायों के देवी- देवताओं जैसे सियान देव, चौरासी देव, बूढ़ाराव, जरही मावली, गपा-गोसीन, देश मात्रा देवी, सेंदरी माता, दुलारदई, कुरलादई, परदेसीन, रेवागढ़ी, परमेश्वरी, राजाराव, झूलना राव, आंगा, कलार बूढ़ा, हिंगलाजीन माता, बाघा बसीन देवी- देवताओं की पूरे धार्मिक विधि-विधान ढोल- नगाडे़, मोहरी, तोड़ी, मांदर एंव शंख ध्वनि के साथ भव्य पूजा- अर्चना सम्पन्न किया गया।
पारम्परिक मेला में बस्तर सांसद, विधायक जनप्रतिनिधी एवं कलेक्टर-एसपी हुए शामिल
इस अवसर पर सांसद बस्तर दीपक बैज, विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम, अध्यक्ष जिला पंचायत देवचंद मातलाम, पूर्व विधयाक लता उसेंडी, पूर्व विधयाक शंकर सोढ़ी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ ही कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा तथा अन्य अधिकारियों, नागरिकों एवं ग्रामीणों द्वारा पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ ग्राम देवी-देवताओं की माता गुड़ी स्थल में विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना कर लोक परंपराओं का निर्वहन किया गया। इसके पूर्व ग्रामीणों द्वारा पुराने विश्राम गृह से जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को गाजे-बाजे के साथ स्वागत कर मेला स्थल में लाया गया, इस मौके पर नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती वर्षा यादव और अन्य जनप्रतिनिधी तथा एसडीएम चितकान्त ठाकुर एवं जिला प्रशासन के अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सांसद, विधयाक, पूर्व विधायकों ने दी मेला मड़ाई की शुभकामनाएं
मेला मड़ाई के अवसर पर पीसीसी अध्यक्ष व मोहन मरकाम, बस्तर सांसद दीपक बैज, कलेक्टर ने पारम्परिक पारंपरिक वेश भूषा में नजर आए में नज़र आए। साथ ही सभी ने पारपंरिक मेला की बधाई दी। वही बड़ी संख्या में देव मेला में नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण बड़ी संख्या में लोग देव मेला देखने आए।