गांव में गजब की जागरूकता, हर किसी का रख रहे ख्याल
रायपुर। कोरोना की दूसरी लहर शहर से गांव तक अपना पैर पसार चुका है। लोग इस महामारी से बचाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना को गांव तक फैलने से रोकें। जहां फैल चुका है वहां समुचित ढंग से लोगों का इलाज करके कंट्रोल करें। दूसरी ओर कई गांव ऐसा है, जो कोरोना महामारी का कोई केस सामने नहीं आया है। कारण यह है कि गांव के सरपंच से लेकर ग्रामीणों तक जागरूक हैं।
कुछ इसी तरह की कहानी आरंग ब्लाक के ग्राम पंचायत निसदा की है। जहां गांव में कुल मतदाता 2018 हैं। वहीं वार्ड संख्या 20 है। राजधानी के करीब होने के कारण कई लोगों का आना-जाना लगा रहता है। फिर भी जागरूकता ऐसी है कि अभी पहली लहर और दूसरी लहर में भी इस गांव में कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया है।
पहले कोरोना की जंग लड़ने के लिए बुलाई बैठक
निसदा सरपंच माहेश्वरी देवकुमार साहू ने बताया कि पहली और दूसरी लहर में गांव में सबसे पहले इस महामारी को रोकने के लिए बैठक बुलाई गई। फिर सचिव, मितानिन, स्वास्थ्य कर्मी, ग्रामीण मुखिया समेत गांव के युवा के साथ मिलकर प्लान बनाया। लोगों को पहले जागरुकता के माध्यम से अपील की। इस बीमारी हम लोगों के लिए कितना घातक और इससे पीड़ित होने से क्या असर पड़ेगा आदि चीजों को ग्रामीणों के बीच पहुंचकर जागरूक किया।
इस तरह से लड़ रहे निसदा के ग्रामीण कोविड-19 से
– गांव में 45 वर्ष से अधिक लोगों को 98 फीसद वैक्सीन लग चुकी है।
– गांव में दो बार विशेष रूप से सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया।
– कोटवार के माध्यम के प्रशासन की गाइड-लाइन को मानने के लिए मुनादी।
– गांव के मुरुम खदान को बंद कराया, ताकि श्रमिक न आ पाएं।
– शादी कार्यक्रम में 10 लोगों से अधिक लोगों की अनुमति नहीं। पंचायत का देखभाल।
– किसी भी तरह के सामाजिक बैठक का आयोजन नहीं।
– शादी, जन्मोत्सव समेत अन्य कार्यक्रम में सामूहिक रूप से भोज नहीं।
– चौराहों में पांच से लोगों से अधिक लोग नहीं बैठ सकते।
– शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल।
– मितानिन, पंचायत जनप्रतिनिधि समेत ग्रामीण मुखिया की लोगों पर विशेष नजर।
– गांव में ब्लाचिंग पाउडर का छिड़काव।
– सफाई पर विशेष ध्यान।
– कोरोना मरीज के संपर्क में आए लोगों का विशेष रूप कोरोना टेस्ट अनिवार्य।
– गांव में एंट्री के पहले हर व्यक्ति से पूछताछ, उसके बाद एंट्री।