दो दिवसीय बस्तर मंडई की शुरुआत,
परगना के देवी देवता हुए शामिल
जितेंद्र तिवारी, बस्तर ,पत्रिका लुक।
परंपरा अनुसार बुधवार को दियारी का त्योहार मनाने के बाद गुरुवार से बस्तर का दो दिवसीय ऐतिहासिक बस्तर मेला मड़ई शुरू हो गया । इस मड़ई में आसपास के 84 गांवों के लोग परम्परानुसार अपने देवी-देवताओं के साथ शामिल होते हैं। गुरुवार को मां गंगादेई मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के बाद उन्हें मड़ई की परिक्रमा कराई गई, इसमें विधायक लखेश्वर बघेल के साथ क्षेत्र के पुजारी, सिरहा भी शामिल हुए, और गंगादेई मां से क्षेत्र में समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। विधायक बघेल ने कहा कि मड़ई मेला आदिवासी संस्कृति का अभिन्न अंग है। इससे लोगों का मेल मिलाप बढ़ता है और आपसी सद्भावना कायम रहती है। उन्होंने लोगों से इस भावना को बरकरार रखने की अपील की। इस साल फसल अच्छी हुई है जिससे लोगों का उत्साह चरम पर है। अन्य वर्षों की अपेक्षा दोगुनी भीड़ नजर आ रही है वहीं दूर दराज से दुकानें, झूला भी बहुत आये हैं। गुरुवार रात को ओड़िया नाटक का आयोजन मेला समिति द्वारा रखा गया है। शुक्रवार शाम को देवी देवताओं की विदाई के साथ मेले का समापन होगा। अपनी स्थानीय परंपरा के लिए यह मेला प्रसिद्ध है। इस मेले में बस्तर की ऐतिहासिक ,पारंपरिक,आदिवासियों की सांस्कृतिक,धार्मिक,छटा दिखाई देती है यहां पर देश-विदेश से सैलानी मेला देखने पहुंचते हैं देवी देवताओं का अद्भुत प्रदर्शन करते ग्रामीण देखने को मिलता है।