बेलगाम जनप्रतिनिधि ने अधिकारी के साथ की मारपीट, मामला केशकाल ब्लॉक का
चाहे तो मरवा दे क्या कर सकता हूं, थप्पड़ कांड के बाद प्रशासनिक अधिकारी का छलका दर्द
कोण्डागांव। पत्रिका लुक
कोंडागांव जिले में इन दिनों एक प्रशासनिक अधिकारी को थप्पड़ मारने का मामला आम लोगों के बीच जनचर्चा का विषय बना हुआ है बताया जा रहा स्थानीय जनप्रतिनिधि ने केशकाल जनपद के एक प्रशासनिक अधिकारी को बंद कमरे में थप्पड़ मारा, मामला सामने नहीं आए इस भय से मामले पर दोनों पक्षों के बीच समझौता भी करा दिए । प्रशासनिक अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि द्वारा मारपीट की घटना पर प्रशासनिक अमले के खामोशी की लोगों के बीच जमकर चर्चा हो रही।
कौन है अधिकारी
सूत्रों से जानकारी सामने आ रही केशकाल जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर उक्त अधिकारी पदस्थ है , सामान्य सभा की मीटिंग के दौरान अधिकारी के किसी बात से नाराज जनप्रतिनिधि ने मीटिंग खत्म होने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी को साथ मारपीट की।
केशकाल के उच्चाधिकारियों ने मारपीट मामले में कराया समझौता
सूत्र बता रहे हैं कि मारपीट की घटना की खबर केशकाल नगर में आग की तरह फैल गई और हर एक के जुबा पर यह मामला चल रहा था । सूत्र ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी केशकाल के उच्चाधिकारियों को मिली तो तत्काल मौके पर पहुंचे और मामले को लेकर दोनों पक्षो को समझौता कराया।
ये कैसे अधिकारी अपने ही लोगो का साथ नही दे रहे
अपराध कैसे भी हो अपराध तो अपराध ही होता हैं। और अपराध पर पर्दा डालने वाला या समझौता करने वाला भी अपराध को बढ़ावा देने का काम कर रहा है हो सकता हैं आज एक जनप्रतिनिधि ने सीईओ केशकाल के।साथ मारपीट को अंजाम दिया है हो सकता है जिन अधिकारियों ने समझौता कराया है उस अधिकारियों पर भविष्य में मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाएगा तब भी क्या वे अधिकारी मार खाकर समझौता कर खमोश बैठ जाएंगे। कुल मिला कर अधिकारी ही मारपीट करने वाले जनप्रतिनिधि को बढ़ावा दे कर हौशला बुलन्द कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे ही वारदात का होना आम बात हो जाएगी । समय रहते बेलगाम जप्रतिनिधि पर कार्रवाही नहीं होना और सक्षम अधिकारियों के द्वारा समझौता करा देना मतलब अपराध को करने वाले का हौशला बल देने वाली बात होगी।
केशकाल सीईओ ने बताया
इस पूरे मामले को लेकर जब केशकाल जनपद सीईओ दबी जुबा से जानकरी देते हुए बताया कि सीईओ जो होना था हो गया।
मीडिया ने पूछा क्या- आपके कार्यालय में कुछ विवाद हुआ था?
सीईओ ने बताया कि – जो हो गया हो गया, अब क्या कर सकते हैं।
मीडिया ने पूछा – क्या आपने उच्च अधिकारी से लिखित या मौखिक शिकायत किया?
सीईओ ने बताया कि- नहीं किया
मीडिया ने पूछा – आपके साथ बदतमीजी करने वाले कौन थे क्या आप नाम बता सकते हैं?
सीईओ ने बताया कि –अब जान के क्या कर सकते हो ,
मीडिया ने पूछा कि – इस प्रकार की घटनाएं और हो सकती है सुरक्षा को लेकर क्या कहना है ?
सीईओ ने बताया कि – चाहे तो मरवा दे क्या कर सकता हूं।
मीडिया ने पूछा कि – किस मामले को लेकर दबाव बनाया गया?
सीईओ बताया कि– -ऐसा कुछ नहीं है ,सब काम हो गया, अब आगे अब बताने से क्या फायदा ।
उक्त अधिकारी की बातों से दर्द साफ झलक रहा है एक प्रशासनिक अधिकारी की औकात जनप्रतिनिधियों के सामने कौड़ी जैसी है, कौड़ी जैसी नहीं होती तो क्या किसी की हिम्मत नही की वे दबसलुकी कर सके, खैर देखना होगा आने वाले समय में इस पूरे मामले को लेकर क्या होता हैं ?