Uncategorized

टीकाकरण हेतु उपयुक्त पॉलिसी और प्रबंधन बनाने में भूपेश सरकार नाकाम, जिसका खामियाज़ा भुगत रही जनता-आशुतोष पांडे

कोंडागांव। आम आदमी पार्टी के प्रदेश सहसंयोजक आशुतोष पांडे ने कांग्रेस नित भूपेश बघेल सरकार पर टीकाकरण अभियान की पॉलिसी एवं प्रोग्राम प्रबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान के अंतर्गत कोरोना वारियर्स ,फ्रंट लाइन वर्कर को टीके के दोनों डोज़ देने एवं 45 वर्ष आयु से ऊपर के लोगों को प्रथम डोज़ देने के बाद जब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के तथा 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दूसरे डोज़ की बारी आई तो सरकार की पॉलिसी पर सवालिया निशान लग गया है और टीकाकरण का प्रबंधन लड़खड़ा गया है। यहां तक की हाई कोर्ट को पॉलिसी में सुधार के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा जिसके फलस्वरूप 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण प्रोग्राम रुक गया है।
उन्होंने आगे कहा कि टीकाकरण का प्रोटोकॉल केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को सौंपना चाहिए। विकसित देशों में टीकाकरण के पूर्व Covid-19 टेस्ट किया जाता है, टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही लोगों का टीकाकरण किया जाता है। भारत में ऐसा क्यों नहीँ किया जा रहा है इसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्पष्ट किया जाना चाहिए। पांडे ने राज्य सरकार को सलाह देते हुए कहा कि कोरोना टेस्टिंग हेतु जितने भी सेंटर बनाए गए हैं उनकी संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें टीकाकरण का केंद्र भी बनाया जाए। प्रत्येक जिलों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में टेस्टिंग हो रहे हैं जिनमे लगभग एक चौथाई लोग ही पॉजिटिव और शेष निगेटिव निकल रहे हैं। जिस समय लोग अपनी रिपोर्ट लेने आए उसी समय नेगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों को टीकाकरण कक्ष में टीका लगा दिया जाए। वर्तमान में जब टीकों की उपलब्धता में कठिनाई हो रही है तब यह व्यवस्था कारगर साबित हो सकती है और विकसित देशों के अनुरूप टीकाकरण से पूर्व टेस्टिंग का मापदंड भी आसानी से पूरा हो जाएगा। उन्हीं टीकाकरण केंद्रों में दूसरे डोज़ का टीकाकरण भी बिना टेस्टिंग के किया जा सकता है। 2 माह का राशन फ्री में मिलने का है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक राशन नहीं मिला है ग्रामीण परेशान क्या लॉकडाउन खत्म होने के बाद राशन बांटा जाएगा यह भी एक बड़ा प्रश्न हैं।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *