कांकेर विधान सभा में चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली भाजपा- शिशुपाल शोरी
कांकेर। पत्रिका लुक ( आशीष परिहार )
कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी गई है कि भाजपा हाईकमान द्वारा कांकेर विधानसभा को सी-कैटेगरी में रखा गया है, जिनमें उनकी स्थिती नाजुक है। चुनाव से पहले प्रत्याशी घोषित करने का मकसद यह था कि, कार्यकर्ताओं एवं प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार हेतु पर्याप्त अवसर मिले। किन्तु कांकेर विधानसभा में भाजपा का यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। एक ओर बिना स्थानीय भाजपा नेताओं के रायशुमारी के अनुभवहीन व्यक्ति को टिकट दे दिया गया है, वहीं दूसरी ओर मुद्दाविहिन भाजपा, कांकेर विधायक से उल-जलुल सवाल पुछकर अपनी बेज्जती कराने पर अमादा है। जहां तक मेरे कार्यकाल का प्रश्न है, कांकेर विधानसभा के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में उल्लेखित किया जायेगा। पूरे विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2000.00 करोड़ रूपये से भी अधिक राशि के विभिन्न विकास कार्य स्वीकृत कराये गये है। कांकेर जैसे छोटे नगर-पालिका क्षेत्र में ही 125.00 करोड़ रू. से अधिक के कार्य स्वीकृत कराये गये हैं, जिसके तहत् सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट- रू. 22.00 करोड़, दूध नदी में स्टापडेम विस्तारिकरण एवं रिटेनिंग वाल निर्माण कार्य- रू. 33.00 करोड़, शहर के मध्य सी.सी रोड निर्माण कार्य- रू. 03.00 करोड़, सड़क चौड़ीकरण कार्य- रू. 27 करोड़, किसान हाट- रू. 02.27 करोड़, इस प्रकार कुल 87 करोड़ 27 लाख रू. के कार्य प्रगति पर हैं। दूध नदी में अन्नपूर्णा पारा से एमजीवार्ड के मध्य पुलिया निर्माण कार्य- रू. 08.00 करोड़, स्टापडेम निर्माण बाबत्- रू. 08.25 करोड़, घड़ी चौक से पण्डरीपानी तक सड़क चौड़ीकरण – रू. 05.50 करोड़, 1000 सीटर आडिटोरियम का निर्माण- रू. 15.50 करोड़ के कार्य शीघ्र प्रारम्भ होने वाले हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी पंचायतों में 15 लाख से करोड़ों के कार्य स्वीकृत कराए गये है। अकेले भाजपा प्रत्याशी के गृह ग्राम में ही 70.00 लाख के विकास कार्य एवं रीपा के तहत 01.00 करोड़ रू. के काम चल रहे हैं। ग्राम बेवरती के गोठान को आदर्श गोठान के रूप में विकसित करने हेतु अलग से लगभग 60.00 लाख की राशि स्वीकृत किया गया है। वहां के दीदीयों के द्वारा गोठान के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है, जिसकी प्रशंसा पूरे प्रदेश में हो रही है। जब भाजपा कार्यकर्ता वोट मांगने जाएंगे, तब जनता उनसे 15 वर्षाें का हिसाब मांगेगी। अपने 15 साल के कार्यकाल में भाजपा ने सिवाय भ्रष्टाचार के कुछ भी उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है। विकल्प होने के बाद भी उनके द्वारा कमजोर प्रत्याशी उतारकर एक तरह से भाजपा ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है।