तेल की कीमतें बढ़ने से नवरात्रि पर जोत प्रज्ज्वलन भी महंगा
रायपुर। पिछले साल कोरोना महामारी फैलने से पहले खाद्य तेल चिल्हर में प्रति लीटर 75 से 85 रुपये में बिक रहा था, जो इस साल तक बढ़कर 130 से 140 रुपये लीटर तक जा पहुंचा है। इसी तरह प्रति टीन तेल 1200-1300 रुपये बिकता था, जो अब 2000-2100 रुपये तक बिक रहा है।
महंगाई की यह मार इस बार चैत्र नवरात्रि में मंदिरों में जोत प्रज्ज्वलन पर पड़ रही है। प्राय: सभी बड़े देवी मंदिरों में जोत प्रज्ज्वलन की राशि 100 रुपये तक बढ़ा दी गई है। पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर में पिछले 10 वर्षों में पहली बार पंजीयन राशि में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
रात्रिकालीन कर्फ्यू के बाद गाइडलाइन का इंतजार
पिछली नवरात्रि पर कोरोना महामारी का प्रकोप चरम पर पहुंचा था, जिसके चलते लाकडाउन लगने से मंदिरों में जोत प्रज्ज्वलित नहीं की गई थी। इस बार भी रात्रिकालीन कर्फ्यू लग चुका है। ऐसे में मंदिर समिति वाले असमंजस में हैं कि कहीं इस बार भी जोत प्रज्ज्वलन पर रोक ना लग जाए। मंदिर समिति वालों को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है।
पंजीयन राशि नहीं लौटाएंगे, अगली बार जलेगी जोत
पुरानी बस्ती महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला, रावांभाठा बंजारी धाम मंदिर के हरीश भाई जोशी एवं आकाशवाणी काली मंदिर के डीके दुबे ने बताया कि मंदिरों में जोत प्रज्ज्वलित कराने के लिए पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन करवाते समय ही श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि यदि कोरोना के चलते जोत प्रज्ज्वलन पर रोक लगी तो पंजीयन राशि लौटाई नहीं जाएगी, बल्कि अगली नवरात्रि पर उनके नाम से जोत प्रज्ज्वलित की जाएगी।
इन मंदिरों में पंजीयन राशि
- महामाया मंदिर में करीब 11 हजार जोत प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य है, पिछली नवरात्रि तक 500 रुपये शुल्क था, जो अब 600 रुपये हो चुका है
- बंजारी धाम में 10,500 जोत का लक्ष्य है। पंजीयन राशि पहले 600 थी, अब 700 कर दी गई है
- काली मंदिर में 3500 जोत का लक्ष्य है। पंजीयन राशि पहले 700 थी, अब 750 कर दी गई है
- अन्य देवी मंदिरों में भी पंजीयन राशि 100 रुपये बढ़ाकर 700 रुपये कर दी गई है
इन पूजन सामग्रियों के बढ़े दाम
जोत की बाती – पहले 10, अब 20
फूल – पहले 20-30, अब 40-60
तेल – पहले 1200-1300, अब 2000-2200 प्रति टीन
मिट्टी कलश – पहले 10 -30, अब 40- 50
नारियल – पहले 10-15, अब 20-25
नवरात्रि पर कोरोना संकट का साया
नवरात्रि 13 अप्रैल को शुरू होगी। इस बार पूरे नौ दिनों की नवरात्रि है। 21 अप्रैल को नवमी तिथि पर जंवारा विसर्जन के साथ समापन होगा। मंदिरों में तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी है, लेकिन जिस तरह से कोरोना महामारी को देखते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, इससे नवरात्रि पर भी कोरोना संकट का साया मंडराता नजर आ रहा है।