रायपुर। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने नवा रायपुर में ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए चलने वाली बसों पर रोक लगा रखी है। ऐसे में कर्मचारी अपने वाहन से आना-जाना कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके वेतन से बस किराया का 18 सौ रुपये काटा जा रहा है। संचालनालय शासकीय कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति की है। साथ ही जब तक बस सेवा शुरू नहीं होती तब तक किराया का पैसा नहीं काटने का आग्रह किया है।
संघ के अध्यक्ष रामसागर कौशल और महामंत्री सत्येंद्र देवांगन ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि नवा रायपुर कार्यालय आना-जाना कर्मचारियों की जेब पर बहुत बड़ा भार है। रायपुर से नवा रायपुर कार्यालय आने-जाने में 40-40 किलोमीटर (लगभग), कुल 80 किलोमीटर (लगभग) पड़ता है। इस तरह करीब 400-500 रुपये (लगभग) प्रति कर्मचारी का पेट्रोल खर्च आता है।
एक माह में आठ से 10 दिन कार्यालय आने पर 4000-5000 रुपये (लगभग) प्रति कर्मचारी का पेट्रोल खर्च हो रहा है, जो बहुत ज्यादा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पिछले वर्ष लाकडाउन अवधि अप्रैल, मई व 22 अगस्त से छह सितंबर के दौरान प्रति कर्मचारियों की दर से 1800 रुपये का भुगतान सरकार ने ट्रेवल्स ठेकेदार को किया था।
इसके बावजूद ठेकेदार ने बस वाहन चालक को उस दौरान का वेतन भुगतान नहीं किया। ऐसे में कर्मचारियों के परिवार व उनके हित को देखते हुए जब तक बस सेवा फिर से शुरू नहीं की जाती तब तक समस्त कर्मचारियों को नवा रायपुर कार्यालय आने-जाने के लिए 1800 रुपये परिवहन का देने का कष्ट करेंगे।