जिला प्रशासन के द्वारा रोजगार मेला आयोजन कर बेरोजगारों के साथ कर रही है छलावा – युवक्तियो ने लगाया आरोप
कोंडागांव।पत्रिका लुक
शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा जिले में रोजगार मेले का आयोजन किया जाता है,मैले में जिले के शिक्षित बेरोजगार इस उम्मीद के साथ भाग लेते हैं ताकि रोजगार मिलने से उनकी बेरोजगारी दूर होने के साथ ही आर्थिक स्थिति बेहतर होगी , लेकिन प्लेसमेंट के माध्यम से दिगर प्रदेशों में जाने वाली युवतियों की बेरोजगारी तो दूर नहीं हुई उल्टे निजी कंपनी से प्रातंडित होकर वापस लौटे , विभागीय लापरवाही के बाद भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी महज पैसे वापस करने की बात कह रहे।वही हैदराबाद से वापस लौटी आदिवासी बालिकाएं दीपिका नेताम, दीपेश्वरी मरकाम, धनबती नेताम आदि ने दावा किया दिनांक 17 अगस्त को कोंडागांव में आयोजित रोजगार मेला में आवेदन देने के बाद हमारा चयन हैदराबाद की गार्जियंस एंड फेसिलिटिस प्रा.लि. कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर होना बताया गया तथा 15 से 18 हजार रुपए वेतन देने की बात कही गई और हमें प्रशिक्षण के लिए मनीषा दास नामक महिला के साथ 16 युवतियों को हैदराबाद भेजा गया, जाने के दौरान किराए में तकरीबन ₹1000 का खर्च हुआ था, जहां गार्जियन्स सेक्युरिटी एंड फेसिलिटिस प्रा.लि. मे 7250 रुपए प्रति व्यक्ति लिया गया , उसके बाद अविष्करन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड प्लॉट नं. 21 एस.नं. 1/1 हार्डवेयर पार्क रविरयांला विलेज महेश्वरम मंडल हैदराबाद की ब्लूटूथ कंपनी में कार्य करने छोड़ दिए, हमारे द्वारा प्रशिक्षण की जानकारी लेने पर कंपनी कर्मचारी द्वारा हमारे साथ अभद्रता से पेस आया और किराए तक बिना दिए 6 लड़कियों को कंपनी से निकाल हैदराबाद बस स्टैंड में लाकर छोड़ा दिए , उसके बाद हमने परेशान होकर परिजनों से संपर्क किया ,परिजनों के कहने पर सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार शैलेश शुक्ला के सहयोग से हम आज कोंडागांव लौटे हैं। बाकी हमारी सहेलियां वहीं पर है। कोंडागांव पहुंचकर हमने मामले की पुलिस में शुक्रवार को शिकायत की है।शैलेश शुक्ला ,सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार,मुझे बालिकाओं के परिजनों से जानकारी मिली तो उनकी पीड़ा को सुनकर मैने सहयोग राशि उपलब्ध कराया ,ताकि किसी तरह बालिकाएं सुरक्षित घर पहुंचे ,उसके बाद पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने की प्रशासन से मांग की।