देहरादून/नई दिल्ली : लॉकडाउन ने देश के लाखों लोगों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया. खासकर, वैसे लोग जिन्होंने स्वरोजगार के जरिए खुद का कारोबार खड़ा किया हुआ था, आर्थिक तंगी की वजह से वे बेरोजगार हो गए. आलम यह कि ऐसे ही लोगों में उत्तराखंड के नेहरूग्राम में रेस्टोरेंट चलाने वाले चेतन भी शामिल हैं, लेकिन पुष्कर सिंह धामी के राज्य का मुख्यमंत्री बनते ही उनकी किस्मत चमक गई. लॉकडाउन के दौरान घर-गृहस्थी चलाने के लिए खुद का रेस्टोरेंट बेच देने वाले चेतन को धामी के मुख्यमंत्री बनते ही उनका कुक (खानसामा) नियुक्त कर दिया गया है.
मीडिया की खबर के अनुसार, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले 35 साल के चेतन लॉकडाउन के दौरान काम-धंधा बंद होने की वजह से बेरोजगार हो गए थे. लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे चेतन ने अपना रेस्टोरेंट बेच दिया था और बेरोजगारी के आलम में वे दर-दर भटक रहे थे
परिवार चलाने के लिए बेचना पड़ा रेस्टोरेंट
खबर के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल के चेतन नेहरू ग्राम में खुद का रेस्टोरेंट चला रहे थे, लेकिन कोरोना काल के दौरान उन्हें अपना यह रेस्टोरेंट बेचना पड़ गया. इससे उन्हें जितने भी पैसे मिले, उससे वे तमाम पाबंदियों के इस दौर में परिवार और खुद का गुजारा कर रहे थे. उन्हें भी इस बात का गुमान नहीं था कि उनकी किस्मत जल्द ही पलटने वाली है.
सीएम का कुक बने चेतन
कोरोना काल में बेरोजगारी से जूझते हुए चेतन करीब एक साल तक बिना किसी काम के ही घर पर बैठे रहे. बेरोजगारी से परेशान होकर उन्होंने अपने एक जानकार से नौकरी के लिए गुहार लगाई. उसी जानकार ने चार दिन पहले चेतन को पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करवाई और उन्हें नौकरी देने की सिफारिश की. शुक्रवार को चेतन सूबे के नए सीएम बनने से पहले पुष्कर सिंह धामी से मिले और यही मुलाकात उनके जीवन के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. उन्हें मुख्यमंत्री के कुक की नौकरी मिल गई.
धामी के लिए लकी बन गए चेतन
मीडिया की खबर में कहा जा रहा है कि चेतन पुष्कर सिंह धामी के लिए भी लकी साबित हुए. इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि धामी के सीएम बनने से पहले ही चेतन ने उनके यमुना कॉलोनी स्थित घर पर नौकरी दी गई थी और ठीक उसके दूसरे दिन ही पुष्कर सिंह धामी सूबे के मुख्यमंत्री बना दिए गए. यह महज एक संयोग हो सकता है, लेकिन पुष्कर सिंह धामी और चेतन की किस्मत एक ही दिन पलटना किसी करिश्मा से कम नहीं है.