छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में आक्सीजन नहीं, सिलिंडर की कमी, 13 हजार आक्सीजन बेड बनाने का लक्ष्य

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की बढ़ी रफ्तार के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफ किया कि प्रदेश में आक्सीजन की कमी नहीं है। आक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश में 13 हजार आक्सीजन बेड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सात हजार से ज्यादा बेड तैयार हो गए हैं।

बुधवार को मीडिया से चर्चा में सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण का आंकड़ा 18 लाख तक पहुंच सकता है। जांच का दायरा बढ़ाने पर संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी। कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार संक्रमण चार गुना ज्यादा है। पिछली बार एक दिन में चार हजार संक्रमितों तक पहुंचे थे, लेकिन इस बार 16 हजार तक पहुंच रहा है।

सिंहदेव ने कहा कि एक हजार आइसीयू बेड बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार से भी मांग की गई है कि संसाधनों की कमी वाला राज्य होने के कारण प्रदेश की मदद की जाए। 200 आइसीयू बिस्तर की मांग की गई है। डीआरडीओ ने कई राज्यों में बिस्तर का निर्माण किया है।

सिंहदेव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में छोटे जिलों में संक्रमण बढ़ा है। रायपुर, दुर्ग में कम हुआ है, तो महासमुंद, बेमेतरा में बढ़ा है। बुधवार को बिलासपुर संभाग में आंकड़ा बढ़ा है। मौत का आंकड़ा चिंताजनक है। पिछले तीन दिनों में एक फीसद से ज्यादा दर मौत हो रही है।

भाजपा बताए, पैसे की कमी से क्या रुका

सिंहदेव ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में पैसे की कमी के कारण क्या रुका, इसको भाजपा नेताओं को सामने रखना चाहिए। राज्य सरकार युवाओं के लिए मुफ्त टीका खरीदेगी, दवा हो या फिर वेंटिलेटर, किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए पैसे की कमी नहीं आई। भाजपा नेताओं को यह जानना चाहिए कि एक लाख करोड़ का बजट एक दिन में खत्म नहीं हो जाता है। अलग-अलग मद में पैसा खर्च होता है। सेस के पैसे का भी इस्तेमाल कोरोना से लड़ाई में किया जाएगा।

अस्पताल पहुंचने में देर कर रहे लोग

मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद लोग डाक्टर के पास और अस्पताल पहुंचने में देर कर रहे हैं। अगर किसी का आक्सीजन लेवर 95 से कम हो तो उसे डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। अभी आक्सीजन लेवल 80 से कम होने पर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को आइसीयू में वेंटिलेटर की जरूरत होती है। आइसीयू खाली नहीं होने के कारण मौत हो रही है। सही समय पर मरीज अस्पताल पहुंचे तो आक्सीजन बेड की उपलब्धता है। ऐसे मरीजों को आसानी से बचाया जा सकता है।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *