रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में छत्तीसगढ़ के किसी भी भाजपा सांसद को जगह नहीं मिली है। चर्चा थी कि केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह को परफार्मेंस के आधार पर बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, लेकिन पीएम मोदी ने उनके काम को बेहतर मानते हुए अपनी टीम में रखने का निर्णय लिया है। प्रदेश से राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय, सांसद विजय बघेल, सांसद अरुण साव का नाम चर्चा में था, लेकिन आखिरी समय में किसी को सफलता नहीं मिली।
प्रदेश कोटे से किसी को भी मंत्री नहीं बनाए जाने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के एक भी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं देना प्रदेश के साथ अन्याय है। जहां चुनाव, वहां मंत्री बनाओ की भाजपा की अवसरवादी नीति है। उत्तर प्रदेश और गुजरात में चुनाव है, इसलिए वहां के सांसदों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व में तीन-तीन केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव, रमेश बैस और डा. रमन सिंह थे। अटल बिहारी सरकार में भी दो सांसदों को मंत्री बनाया गया। छत्तीसगढ़ का मजबूत प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण प्रदेश की जनता की आवाज दिल्ली में सही तरीके से नहीं उठ पा रही है। केंद्र सरकार के आगे छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसद प्रदेश की आवाज उठा पाने में असफल साबित हो रहे हैं।
भाजपा से छत्तीसगढ़ के लोग निराश हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को खाद नहीं मिल रही है। छत्तीसगढ़ को टीके नहीं मिलने के कारण टीकाकरण बंद है। छत्तीसगढ़ को राज्य के हक, जीएसटी का बकाया 26 हजार करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल लेने से सरकार इंकार करती है।