मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव जिले में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा 111 प्रतिशत काम होने पर की प्रशंसा
0 मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिले में 556 करोड़ 86 लाख 84 हजार रूपए की लागत से 192 विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया
0 छुईखदान-बकरकट्टा मार्ग पर पहाड़ों को काटकर बनाई गई सड़क से वनवासियों के जीवन में आएगा नया मोड़
राजनांदगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पद्म गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिले में 556 करोड़ 86 लाख 84 हजार रूपए की लागत से 192 विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। जिनमें 231 करोड़ 18 लाख 64 हजार रूपए की लागत से 135 कार्यों का शिलान्यास तथा 325 करोड़ 68 लाख 20 हजार रूपए की लागत से 57 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टों का वितरण किया तथा शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव जिले की मां बम्लेश्वरी को प्रणाम करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि जिले को आज विकास कार्यों की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा 111 प्रतिशत काम हुआ है, जिससे श्रमिकों को रोजगार मिला है। जिले में कुछ साल पहले तक नक्सली गतिविधियां विकास में बाधा रहीं, लेकिन अब सुरक्षा, विकास और विश्वास की नीति पर अमल करते हुए शासन द्वारा वहां भी शांति स्थापित किया जा रहा है। अभी हाल ही में राजनांदगांव जिले की एक सड़क की तस्वीर देशभर के अखबारों में प्रमुखता से छपी। छुईखदान-बकरकट्टा मार्ग पर पहाड़ों को काटकर सड़क बनाने का काम पूरा हो चुका है। 9 मोड़ों वाली यह सड़क वनवासियों के जीवन में भी एक नया मोड़ लाएगी। यह शासन द्वारा वनवासी क्षेत्रों के विकास के लिए संकल्प के साथ किए जा रहे कार्यों का एक उदाहरण है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर एवं अन्य केबिनेट मंत्री वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जुड़े।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना हो, चाहे सुराजी गांव योजना हो, गोधन न्याय योजना की बात हो या मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना सभी जमीनी स्तर पर बनाई गई योजनाएं है। वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनकी मेहनत की सही कीमत मिल रही है। राजनांदगांव जिले में वनवासियों को जल-जंगल-जमीन पर अधिकार दिलाने की दिशा में बढिय़ा काम हुआ है। लोगों को न केवल व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टों का लाभ मिल रहा है, बल्कि उन्हें सामुदायिक वन संसाधन का भी अधिकार मिल रहा है। शासन की किसान हितैषी विभिन्न योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के कारण किसानों की संख्या बढ़ी है। शहर के लोग गांव की ओर लौटकर खेती करना चाहते है।
सांसद संतोष पाण्डेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। संसदीय सचिव इंद्रशाह मंडावी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष मोहला-मानपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए विभिन्न मांगे रखी एवं समस्याओं के संंबंध में जानकारी दी। अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण दलेश्वर साहू ने कहा कि शासन ने कोरोना काल में बेहतर नियंत्रण एवं प्रबंधन से कार्य किया। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते एक सजग प्रहरी के रूप में मुख्यमंत्री ने प्रशासन की सक्रियता बनाये रखी। अध्यक्ष अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण भुनेश्वर बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों एवं गरीबों के साथ खड़े हुए हैं। शासन की नरवा, घुरवा, गरवा एवं बाड़ी योजना से गांव में नया परिवर्तन देखने को मिला। महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर रही हैं और लोगों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मां बम्लेश्वरी को आज सुबह ही ट्वीट किया है, जिससे गरिमा बढ़ी है, इसके लिए उनका आभार। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले की सीमा महाराष्ट्र से लगती है। दोनों ओर से सघन सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध होने के कारण सतत आवाजाही बनी रहती है। कोरोना संकट को नियंत्रण करना इस जिले के लिये बहुत चिंता थी, लेकिन मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना संकट पर जिले में काफी नियंत्रण कर लिया गया है। संक्रमण की दर 1 प्रतिशत से भी कम हो गई है। जिले के अस्पताओं में वेंटिलेटर, आक्सीजन पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है तथा अधोसंरचना को मजबूत किया गया है। राजनांदगांव जिले में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती तथा शहरी क्षेत्रों में नागरिक जीवन को और सुगम बनाने के लिये सतत रूप से कार्य किया जा रहा है। कोरोना संकट काल में राजनांदगांव जिले में भी मनरेगा के कार्य बड़े पैमाने पर खोले गये हैं। इस संकट काल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को दी जा रही आदान सहायता राशि से राजनांदगांव जिले की कृषि में सुधार हुआ है तथा किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है। शासन की दूर दृष्टिपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन से राजनांदगांव जिले में कोरोना संकट के समय भी लागों को रोजगार मिलता रहा। आपदा के बावजूद जिले की अर्थव्यवस्था की मजबूती बनी रही। राजनांदगांव जिले के किसानों और आम लोगों द्वारा कृषि आधुनिक उपकरणों और वाहनों की बड़े पैमाने पर खरीदी की जा रही है। जिले में गोधन न्याय योजना अंतर्गत जिले में कुल 363 गौठान निर्मित किये गये हैं। जिले में गोबर खरीदी-बिक्री का कार्य एवं इससे वर्गी कम्पोस्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है। अब तक 30 हजार क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है एवं सहकारी सोसायटी के माध्यम से किसानों को प्रदाय किया जा रहा है। किसानों को इसे लेकर बहुत उत्साह है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत गरम खाना महिलाओं एवं बच्चों को प्रदाय करने का कार्य आरंभ किया गया है। 2019 में जिले में कुपोषण की दर 26 प्रतिशत थी, जो वर्तमान में घटकर 16 प्रतिशत हो गई है। जिले में व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा 16756, सामुदायिक वन अधिकार पट्टा 1722 एवं सामुदायिक वन संस्था अधिकार पट्टा 86 है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र में कुल 695 कैम्प आयोजित किये गये हैं, जिसमें कुल 33189 मरीजों का ईलाज किया जा रहा है
इस अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम धनेश पाटिला, विधायक खुज्जी श्रीमती छन्नी साहू, महापौर श्रीमती हेमा देशमुख, विधायक प्रतिनिधि लीलाराम भोजवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता साहू, राजगामी संपदा न्याय के अध्यक्ष विवेक वासनिक, अल्प संख्यक आयोग के सदस्य हफिज खान, पार्षद कुलबीर छाबड़ा, नवाज खान, पदम कोठारी, शाहिद खान, अन्य जनप्रतिनिधि एवं पुलिस अधीक्षक डी श्रवण, जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय सहित अन्य अधिकारी एवं हितग्राही शामिल हुए।