17 ग्राम सचिवों के कार्य पर अनुपस्थित होने पर अंतिम नोटिस हेतु कलेक्टर ने दिए निर्देश
कोंडागांव। मंगलवार को कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा की अध्यक्षता में आयोजित समय सीमा बैठक में जिले के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विद्यार्थियों की भर्ती, शिक्षकों की भर्ती, भवन निर्माण, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण, गौठान प्रबंधन, वर्मी टैंक का निर्माण, चारागाह विकास, जल जीवन मिशन, आजीविका कार्यो, गोबर खरीदी एवं नरवा विकास के कार्यों के संबंध में चर्चा की।
इस अवसर पर कलेक्टर ने जिला अस्पताल एवं जिले के समस्त अस्पतालों में इलाज हेतु आने वाले मरीजों का आवश्यक रूप से आयुष्मान कार्ड की एंट्री हेतु प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए निर्देश के पालन हेतु चर्चा की। जहां आयुष्मान जिला कंसलटेंट द्वारा शत् प्रतिशत एंट्री ना किए जाने पर कलेक्टर द्वारा असंतुष्टि व्यक्त करते हुए आयुष्मान कंसलटेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। ज्ञात हो कि शासन द्वारा प्रत्येक मरीज की आयुष्मान कार्ड द्वारा निःशुल्क ईलाज सुनिश्चित किए जाने एवं ऐसे मरीज जिनके पास आयुष्मान कार्ड उपलब्ध नहीं है उनका संस्था में ही तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु निर्देशित किया गया है।
इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने ग्रामीण इलाकों में सचिवों द्वारा कार्यों को गंभीरता से ना लेने एवं कार्य में अनुपस्थित होने के कारण पंचायत विभाग के 17 ग्राम सचिवों को अंतिम नोटिस प्रेषित कर संतुष्टिप्रद जवाब ना आने पर बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। इनमें से 11 सचिवों द्वारा कार्य में रुचि नहीं ली जा रही थी एवं 6 लंबे समय से कार्य में अनुपस्थित रहे थे जिसे देखते हुए उन्हें विभाग द्वारा पूर्व में भी नोटिस प्रेषित किया गया था।
मर्दापाल सीएचसी निर्माण की धीमी प्रगति के कारण ठेकेदार एवं सीजीएमएससी को नोटिस
इस अवसर पर कलेक्टर ने बड़ेराजपुर सुपोषण एवं संसाधन केंद्र(एनआरसी) को जल्द पूर्ण करवाने एवं पूर्ण होते तक इसे वैकल्पिक व्यवस्था के द्वारा प्रारंभ कर संचालित करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कोरोना की तृतीय लहर से पूर्व तैयारियों का जायजा लेते हुए टीकाकरण की स्थिति, स्टाफ भर्ती, उपकरणों की उपलब्धता, टेस्टिंग की स्थिति, बेड की उपलब्धता आदि पर चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर द्वारा मर्दापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माणाधीन भवन के संबंध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि भवन का कार्य एक वर्ष से लगभग पूर्णता पर होने के पश्चात भी ठेकेदार की उदासीनता के कारण अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। जिस पर कलेक्टर ने सख्त कार्यवाही हेतु आदेशित करते हुए कार्य के प्रति उदासीनता हेतु भवन निर्माण के ठेकेदार एवं सीजीएमएससी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्य पूर्ण ना करते हुए हस्तान्तरित ना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए ठेकेदार को आर्थिक दंड लगाते हुए कार्य को जल्द पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई हेतु लगाए गए उपकरणों की इंजीनियर के माध्यम से जांच हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया है।