झरिया कुआ का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं इस गांव के समुदाय लोग
बस्तर । पत्रिका लुक
एक तरफ देश के 75 वर्ष की आजादी की अमृत महोत्सव बनाया जा रहा है पर जिला प्रशासन ने अंतिम व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचने का तो दावा करती हैं जैसे पानी , बिजली,सड़क जैसे सुविधा पर इस बंजारापारा गांव में स्वच्छ एवं शुद्ध पानी का नसीब नहीं हो रहा है जो आज भी इस समुदाय के लोगो को झरिया पानी पीने को मजबूर हैं मामला बस्तर जिले में ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोडियापाल के बंजारापारा गांव टोला के लोग इन दिनों भीषण गर्मी के दिनों में पानी के संकट से जूझ रहे हैं. इस गांव से मिली जानकारी के अनुसार इस गांव में नल जल योजना के तहत जलमीनर बनाई गई गयी थी. ताकी गांव के लोगों को जरुरत के हिसाब से पानी घर-घर तक पहुंचाया जा सके। लेकिन दरअसल, पिछले कुछ महीने से सोलर लाइट से चलने वाली जलमीनार का मोटर खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में इस भीषण गर्मी में ग्रामीण दो किलोमीटर दूर से खेत के अन्दर कुआ बनाकर पीने का पानी लाने के लिए विवश हैं. वहीं पेयजल समस्या को लेकर ग्राम वार्ड पंच कमलचंद चौहान वा श्रीमती बमबती चौहान,धनसू राम ,शिव नायक, ग्रामीणों ने बताया कि जलमीनर का मोटर दो महीने से खराब पड़ा है. इसकी सूचना जनप्रतिनिधियों एवं पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भी दी गई है. अभी तक इस जलमीनार के मोटर को बनाने का प्रयास नही किया गया है. वहीं विभाग के अधिकारी सिर्फ आश्वासन पर ही काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि पानी लाने को लेकर काफी मेहनत करना पड़ रहा है.पीएचई मुख्य कार्यपालन अभियंता जगदीश कुमार ने कहा कि मैं अभी नया हूं पर वहां एक बार चेक करवा लेता हूं जैसा सुविधा होगा उनके लिए वैसा व्यवस्था करेगे।