कोरोना भत्ता वेतन वृद्धि की जगह वेतन कटौती कर रही है सरकार – स्वस्थ्य संयोजक संघ
जगदलपुर। बस्तर ब्लॉक के स्वस्थ्य संयोजकों ने वेतन में कटौती को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि जब सेकोरोना संक्रमण फैला है, तब से बिना किसी अवकाश के लगातार शासकीय कार्य कर रहे हैं, सरकार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है। पिछले वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना भत्ता की बात कही गयी थी, पर आज पर्यन्त किसी प्रकार का भत्ता या प्रोत्साहन नहीं मिला तथा हमारी एक सूत्रीय मांग 2800 ग्रेड पे की भी अनदेखी की गयी और हमारा एक दिन का वेतन जो स्वेच्छिक था, उसे जबरन काटा गया।
कोविड -19 में सर्वे, टीकाकरण, च्ॉरंटाईन सेंटर, नाका ड्यूटी, होम कोरंटीएन सभी स्थानों पर हमारे द्वारा सेवाएं दी जा रही है, उस बीच ग्रामीणों द्वारा मारने की धमकी, गाली-गलौच की जाती है ये सब सहन करते हुए, हम स्वास्थ्य संयोजक शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन दृढता पूर्वक कर रहे हैं, और इधर सरकार हमारी वेतन की कटौती कर रही है, हमारे कर्मचारी यदि आकस्मिक अस्वस्थ हो जाते हैं, उन्हें अवकाश नहीं होने का हवाला देकर कार्य लिया जाता है। पता नही कब तक हमारे हक को कुंचला जाएगा। महिला स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा कोविड -19 टीकाकरण के साथ-साथ प्रसव, नियमित टीकाकरण, डब्लूएचसी का कार्य किया जा रहा है, जिससे हमें कोई शिकायत नहीं, ये हमारा कर्तव्य है। हमारे द्वारा 724 कार्य करने के बाद भी वेतन काटना न्याय संगत नहीं है।
स्वस्थ्य संयोजक के जिला अध्यक्ष रामनाथ कश्यप ने कहा कि वेतन काटना स्वास्थ्य संयोजकों का मनोबल गिराने जैसा है। स्वास्थ्य संयोजकों का कोरोना भत्ता वेतन वृध्दि तो सरकार द्वारा प्रदान नहीं कर रही है, उल्टे उनका वेतन भी काट लिया जा रहा है। संघ ने आग्रह किया है कि महिला कर्मचारी, जो गर्भवती हैं, उनकी ड्यूटी एवं जो 55 वर्ष के कर्मचारी हैं, उनकी ड्यूटी न लगाई जाए।