छत्तीसगढ़

महाराष्ट्र के कारण फैला कोरोना, केवल क्रिकेट के आयोजन को दोष देना सही नहीं: बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर का वायरस महाराष्ट्र से आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि यहां के गांव-गांव के लोग बड़ी संख्या में नागपुर, गोंदिया और भंडारा में रह कर काम करते हैं, जो त्योहारों के दौरान यहां अपने गांव और शहर में लौटते हैं।
यही वजह है कि इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण गांव-गांव में फैल गया है। विभिन्न मीडिया समूहों के संपादकों के साथ चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण के लिए केवल क्रिकेट के आयोजन को दोष देना ठीक नहीं है।
संपादकों के साथ इस वर्चुअल चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बघेल कहा कि हम लाकडाउन के पक्ष में नहीं है, मैं इसका सख्त विरोधी हूं, लेकिन यह फैसला हमें विवश होकर लेना पड़ा है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा संक्रमित जिलों में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुंद और बेमेतरा जिले में दिख रहा है।
सीएम ने कहा कि राज्य में कोरोना के इलाज फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी। टीकाकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक दिन में तीन लाख 26 हजार टीकाकरण किया है। हमारी क्षमता एक दिन में चार लाख तक की है। केंद्र से हमें जिनता वैक्सीन उपलब्ध होगा, उसके अनुसार टीकाकरण किया जाएगा।
राज्य में पाजिविटी की दर
मुख्यमंत्री ने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में एक, दूसरे सप्ताह में 1.6, तीसरे में 2.8, मार्च के अंतिम सप्ताह में 8.5, अप्रैल के पहले सप्ताह में 17.3 और सात अप्रैल को यह आंकड़ा 24 फीसद रहा।
प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा टेस्ट
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 1435 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 929 है। मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी में दैनिक औसत टेस्टिंग 21 हजार 142 थी, जो मार्च में बढ़कर 30 हजार 501 और अप्रैल में बढ़कर 39 हजार हो गई है। छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर दो लाख चार हजार 420 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख पर एक लाख 89 हजार 664 टेस्ट किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में अक्टूबर 2020 में आरटीपीसीआर जांच का प्रतिशत 26 फीसद था, जो अप्रैल 2021 में बढ़कर लगभग 40 फीसद हो गया है। राज्य में वर्तमान में सात सरकारी लैब और पांच निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त राज्य में चार नई सरकारी आरटीपीसीआर लैब महासमुंद, कांकेर, कोरबा और कोरिया में स्थापित की जा रही हैं। इसके साथ ही 31 सरकारी लैब और पांच निजी लैब में ट्रू नाट जांच की सुविधा उपलब्ध हैं।
जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है टीकाकरण
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 87 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्करों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाईन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 43 प्रतिशत लोगों को टीके की प्रथम डोज दी जा चुकी है। राज्य में सात अप्रैल तक 33 लाख 61 हजार वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग क्षमता विशेषकर आरटीपीसीआर और ट्रू नाट टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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