सीपीआई ने तीन काले कृषि कानून का किया विरोध, कोंडागांव रहा बंद, ढोल नगाड़ा बजाकर किया प्रदर्शन
कोंडागांव। केंद्र सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने कोंडागांव में सीपीआई द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा जारी तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को संयुक्त किसान संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद का समर्थन देते राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल, मुख्य मंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में सौंपा गया।
सीपीआई जिला सचिव तिलक पांडे ने बताया कि ताली थाली बजवाकर देश की जनता को गुमराह करना बंद करें। केंद्र की मोदी सरकार को तीन काले कृषि कानून को वापस लेने के लिए सीपीसी ने नगाड़े बजाकर किसानों के मुद्दों को नजर अंदाज करने वाली मोदी सरकार को जगाने का कार्य करते हुए भारत बंद का समर्थन दिया साथ ही बताया कि मुताबिक विगत एक साल पूर्व संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में निरन्तर धरना-प्रदर्षन किया जा रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद केंद्र सरकार, लगातार किसानों की मांग को नजरअंदाज कर रही है।
जिसे लेकर को आयोजित भारत बंद का समर्थन करते कोंडागांव में सीपीआई ने नगर बंद कराया है ।सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेखित है कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित किया गया तीनों अध्यादेश भारत के करोड़ों किसान परिवारों के भविष्य से जुडा हैं। केन्द्र सरकार का ‘एक राष्ट्र एक बाजार अध्यादेश‘ किसानों के हित में नहीं है। इससे मंडी का ढांचा खत्म होगा, जो किसानों और छोटे व मझोले व्यापारियों दोनों वर्ग के लिए लाभप्रद नहीं है। किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मुल्य नहीं मिल सकेगा। केन्द्र सरकार ने इस बात की कोई गारन्टी नहीं दे रही है, कि कम्पनियों द्वारा किसानों की उपज की खरीदी समर्थन मुल्य पर किया जाएगा। केन्द्र सरकार के इस कानुन से सबसे बड़ा खतरा यह होगा कि जब फसलें तैयार होंगी, उस समय बड़ी-बड़ी कम्पनीयां जान बुझकर किसानों के उपज के दाम को गिरा देंगी, एवं उसे बड़ी मात्रा में स्टोर कर लेंगी, जिसे बाद में ग्राहकों को उंचे दामों पर बेचेंगी। केन्द्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन कर आलु, प्याज, दलहन, तिलहन व तेल के भंडारण पर लगी रोक को हटा लिया गया है।
हमारे देश में 85 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनके पास लम्बे समय तक भंडारण की व्यवस्था नहीं है, यानि यह कानुन बड़ी कम्पनियों द्वारा कृषि उत्पादों की कालाबाजारी के लिये लाया गया है, ये कम्पनियां अपने बड़े-बड़े गोदामों में कृषि उत्पादों का भंडारण करेंगे एवं बाद में उंचे दामों पर ग्राहकों को बेचेंगे। तीसरा अध्यादेश सरकार द्वारा काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग के विषय में लागु किया किया गया है, जिसके तहत काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें बड़ी-बड़ी कम्पनियां खेती करेंगी एवं इस अध्यादेश के तहत किसान अपने खेत में सिर्फ मजदूर बन कर रह जाएंगे। तीनों कृषि संबंधी अध्यादेश किसानों के हित में नहीं होने से तीनों अध्यादेश तत्काल वापस लिया जाय अन्यथा किसानों को तीव्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदार शासन की होगी।
इस दौरान शैलेष शुक्ला राज्य परिषद सदस्य, बिरज नाग जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय किसान सभा, बिसम्बर मरकाम जिला अध्यक्ष एआईवायएफ, जयप्रकाश नेताम , दिनेश मरकाम , लक्ष्मण महावीर, मुकेश मंडावी जिला अध्यक्ष आदिवासी महासभा
सहित अन्य कम्युनिस्ट सामिल रहे।
बंद का रहा नगर में व्यापक असर
केंद्र सरकार द्वारा जारी तीनो कृषि कानूनो के विरोध में किसान संगठनो के बंद को सीपीआई द्वारा समर्थन देने पर नगर के सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर पूर्ण रूप भारत बंद का समर्थन किया, भारत बंद का जिला मुख्यालय कोंडागांव में खासा असर दिखाई दिया, नगर के व्यापारियों ने समर्थन में अपनी प्रतिष्ठान ने बंद रखी।बंद के दौरान होने वाले अप्रिय स्थिति से निपटने सुरक्षा बल तैनात रहे।