हड़तालरत संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों का समर्थन कर CPI ने सौंपा ज्ञापन
कोंडागांव पत्रिका लुक।
दो दिवसीय हड़तालरत संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों का समर्थन करते हुए सीपीआई द्वारा ज्ञापन सौंपे गए होने के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव के जिला सचिव तिलक पाण्डे ने बताया कि संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों (एटक, सीटु, इंटक, एचएमएस एवं अन्य) द्वारा तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर 28 व 29 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल का आवहान किया गया है, उनकी मांगें राष्ट्रीय हित में होने से भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी द्वारा उनकी मांगों का समर्थन करते हुए महामहिम राश्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन को कलेक्टर कोण्डागांव के माध्यम से प्रेषित किया गया है।
कलेक्टर कोण्डागांव को ज्ञापन सौंपने हेतु जिला सचिव तिलक पाण्डे के नेतृत्व में शैलेश शुक्ला, बिरज नाग, बिसम्बर मरकाम, जयप्रकाश नेताम, लक्षण महावीर, दिनेश मरकाम, रामकुमार नेताम, दिपेष, फगनू, छबीलाल नेताम, अनिल नाईक सहित अन्य कम्युनिश्ट मोटर सायकलों में सवार होकर जिला कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपने के पूर्व संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों जायज बताते हुए मांगों को पूरा करने हेतु जमकर नारेबाजी करने के बाद ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में लेख किए गए मांगों की जानकारी देते बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का विनिवेश-निजीकरण तत्काल बंद किया जाये। श्रम कानुनों के बदले श्रम संहिता बनाने का कदम वापिस लिया जाये। न्यूनतम वेतन दर 21 हजार रुपये घोषित किया जाये तथा केन्द्र व राज्य में समान वेतन दिया जाये। सभी मजदुरों को ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, नियमित रोजगार, पेंशन व दुर्घटना लाभ आदि को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाये।
सेवारत कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु तथा 33 वर्ष की नौकरी के बाद जबरन रिटायर किया जाना तत्काल बंद किया जाये। कांट्रेक्ट, फिक्स टर्म, आउटसोर्स व ठेका प्रणाली, की जगह नियमित रोजगार दिया जाये। नई पेंशन नीति(एनपीएस) की जगह पुरीनी पेंशन नीति (ओपीसी) को बहाल किया जाये। भारी मंहगाई पर रोक लगाया जाये, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों को तत्काल कम किया जाये। बोनस के भुगतान और भविष्य निधि की पात्रता पर सभी तरह की सीमाओं को हटाया जाये तथा ग्रेच्युटी की मात्रा में वृद्धि किया जाये। आवेदन जमा करने की तारिख से 45 दिनों की अवधि के भीतर ट्रेड यूनियनों का अनिवार्य पंजीकरण और आईएलओ कंवेशन सी 98 का तत्काल अनुसमर्थन/ अनुमोदन किया जाये। रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला और रक्षा क्षेत्रों में एफडीआई पर तत्काल रोक लगाई जाये। स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। तीन काले कृषि कानुनों को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित किया जाये।