छत्तीसगढ़

खरताबेड़ा में सौर ऊर्जा सिस्टम खराब मरम्मत कराने कलेक्टर से की मांग

मैनपुर। गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ ग्राम पंचायत गरहाडीह के आश्रित ग्राम खरताब़ेडा जहां मकान संख्या 55 और जनसंख्या लगभग 315 के आसपास है और इस ग्राम में विगत 4 माह से सौर ऊर्जा पूरी तरह बंद है। बंद पड़े सौर उर्जा को आपरेटर एवं सुपरवाइजर को सुधार के लिए मांग किए जाने के बाद भी लेटलतीफी की जा रही है।

इस दूरस्थ अंचल में शासन की ओर से अंधेरे में उजाला लाने के लिए वैकल्पिक सौर ऊर्जा का व्यवस्था की गई है। जिसके बंद हो जाने से बच्चों के पढ़ाई के अलावा ग्रामीणों को रात्रि कालीन दैनिक कार्यों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरम्मत के लिए कई बार सुपरवाइजर को बताया गया उनका जवाब बैटरी एवं इंन्वायटर खराब हो गया है ऊपर से आदेश आने के बाद मरम्मत करवाने की बात विगत चार महीना से कही जा रही है। ग्रामीणो द्वारा मांग किये जाने के बाद भी सौर उर्जा बैटरी को बदलने की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है जिसके कारण ग्रामीणों को अंधियारे में गुजारा करना पड़ रहा है। ग्रामीण जहरीले जीवों से बचने के लिए मिट्टी तेल के डिब्बे चिमनी के अलावा लालटेन के सहारे रह रहे हैं। सौर ऊर्जा के अभाव में ग्रामीणों को सबसे ज्यादा खतरा जंगली जानवर व जहरीले जीव जंतुओ से है। जैसे ही शाम होता है यहां के लोग वन्यप्राणी से भयभीत हो उठते हैं। इस संबंध में ग्राम खरता बेड़ा के प्रमुख चैन सिंह मरकाम, रतन लाल मरकाम, रामदेव मरकाम, बाबू लाल मरकाम, जगदीश मरकाम, कुंवर सिंह मरकाम, लक्ष्मण मरकाम, नोहर सिंह, घासू राम, रविंद्र मरकाम, तीजू राम, फूल दास नेताम, वारंगा राम, पुसऊ राम, ओतले राम, वैशाख यादव, नोहर लाल, लीला बाई मरकाम, सोनई बाई, धनई बाई, लीलाबाई मंडावी, ममता बाई, जानकीबाई, हटियारीन बाई, पार्वती बाई, सगा बाई, सोमारी बाई द्वारा बंद पड़े सौर ऊर्जा को मरम्मत करवाने की मांग गरियाबंद जिला के कलेक्टर एवं सौर ऊर्जा विभाग के जिलाधिकारी से किए हैं।

Patrika Look

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