कोण्डागांव। पत्रिका लुक
कोण्डागांव में बाईपास सड़क निर्माण में असमान मुआवजा दिए जाने से परेशान भूमि अधिग्रहण से पीड़ित किसानों के द्वारा कलेक्टर को आवेदन सौंपकर चेतावनी दी गई है कि 07 दिन में समाधान नहीं हुआ तो पीड़ित किसान काम रोको आंदोलन करने के लिए मजबुर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। पीड़ित किसानों ने बताया कि 40 से अधिक किसानों की खेती भूमि का अधिग्रहण बायपास सड़क निर्माण के किया गया है। लेकिन बायपास सड़क का विरोध पूर्व से करते आ रहे हैं क्योकि मुआवजा राशि देने में भेदभाव किया जा रहा है, जिसकी भूमि अधिग्रहण में ज्यादा गई है उसको कम मुआवजा मिल रहा है और जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण कम हुआ है उसको ज्यादा मुआवजा राशि दिया जा रहा है कुल मिला कर जिला व राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों के साथ भेदभाव के8या जा रहा है। जिसको लेकिन कई बार विधायक से लेकर कलेक्टर तक को आवेदन दे चुके हैं और किसानों की भूमि अधिग्रहण किया गया है उनको एक समान मुवाबजा दिया जाय की मांग की जा चुकी है, लेकिन हम किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। पीड़ित किसान सकरु कोर्राम ने बताया कि जीन किसानों की भूमि आधा एकड़ से कम है उनको करोड़ो रूपये में मुआवजा दिया जा रहा है ओर मेरे आधे एकड़ से अधिक भूमि का मुआवजा तीन 4 से 5 लाख रुपये दिया जा रहा ये भेदभाव नहीं है तो क्या है।
पीड़ित किसान की पुत्री श्रीमती पुनय देवांगन ने बताया कि जिस खेती भूमि से मेरे पिता ने वर्षो से खेती किसानी कर पूरा परिवार का भरण पोषण किया है आज सरकार उस जमीन को कोड़ियों के भाव से मुआवजा राशि दे रही है। पीड़ित किसान की पुत्री श्रीमती पुनय देवांगन ने आगे बताया कि सबसे पहले हमको जमीन सरकार को देनी ही नहीं है, सरकार जबरन भूमि का अधिग्रहण कर ली है उसने भी मुआवजा राशि देने में जमीन आसमान का भेदभाव किया जा रहा है।
पीड़ित मानक कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है किसी जिसकी जमीन ज्यादा उसको कम राशि जिसकी ज्यादा जमीन उसको कम राशि ये कैसा न्याय है।सरकार अगर हमारी मांगो को नहीं मानेगी तो आंदोलन का ही एक रास्ता दिखता है। सभी पीड़ित किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन व राज्य सरकार हम किसानों के साथ भेदभाव कर रही है सभी किसानों को एक समान मुआवजा दिये जाने के लिए कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया गया है। अगर 7 दिनों के भीतर समस्या का समाधान नहीं होने पर 08 वें दिन से हम सभी पीड़ित किसान निर्माण कार्य स्थल में आंदोलन पर बैठकर कार्य रोकने को बाध्य होंगे। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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