वन विभाग की बड़ी कार्यवाही: वन भूमि से आदिवासी व अन्य कई ग्रामीणों को किया बेदखल..
कोण्डागांव । पत्रिका लुक
वन विभाग कोण्डागांव के दक्षिण वन मण्डल कोण्डागांव के दहिकोंगा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कमेला एवं बड़ेकनेरा के सरहदी क्षेत्र के वन क्षेत्र में विगत कई वर्श पूर्व से ग्राम कमेला के आदिवासी सहित अन्य कई ग्रामीणों के द्वारा खेतीबाड़ी किए जाने के साथ ही निरंतर वनाधिकार प्रपत्र की मांग की जा रही थी, उक्त मामले में वनाधिकार प्रपत्र देने के बजाए कड़ी कार्यवाही करते हुए, आदिवासी सहित अन्य कई ग्रामीणों को वन भूमि से बेदखल कर दिया गया। ग्राम कमेला के पीड़ित आदिवासी सहित अन्य ग्रामीणों ने 6 फरवरी को जिला मुख्यालय कोण्डागांव में पहुंचकर जिला कोण्डागांव कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को लिखित षिकायत/आवेदन देकर अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान धक्कामुक्की एवं मारपीट किए गए होने की षिकायत पर कानूनी कार्यवाही करने के साथ ही व्यवस्थापन की व्यवस्था करने की मांग किया। आवेदन में लेख किया है कि हम सभी ग्राम कमेला, तहसील एवं जिला कोण्डागांव, (छग), के निवासी हैं। उक्त पते पर रहकर हम सभी खेतीबाड़ी और मेहनत मजदूरी करके अपना एवं अपने परिजनों का जीवनयापन षांतिपुर्वक करते आ रहे हैं। हम सभी पुर्व में निर्माण कराए गए कोसारटेडा बांध से विस्थापित हैं। कोसारटेडा बांध परियोजना में हम सभी का कृशि भूमि डूबान क्षेत्र में आ जाने से हम विगत कई वर्श पुर्व से ग्राम कमेला एवं ग्राम बड़े कनेरा क्षेत्र के राजस्व एवं वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली खाली पड़े जमीन में अपने रहने के लिए घर एवं खेती के लिए जमीन तैयार कर खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं। हम सभी के जीवनयापन का एकमात्र जरीया हमारे द्वारा कमाए जा रहे उपरोक्त जमीन ही है। हमारे द्वारा कमाए जा रहे उपरोक्त जीवनयापन के जरीया जमीन को छोड़ने के लिए वन विभाग से नोटिस देकर 07/02/2024 को जमीन से कब्जा हटाने हेतु आने की बात कही गई थी, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी 06/02/2024 को ही जमीन से कब्जा हटाने पहुंच गए। जब हम सभी ने वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से यह निवेदन किया कि यह जमीन ही हमारे जीवनयापन का एकमात्र जरीया है, इस जमीन से हमें न हटाएं, तो उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी और महिला-पुरुशों सभी के साथ ही अमानवीय तरीके धक्कामुक्की किया गया और श्रीमति नीलबति को एक महिला वन कर्मी के द्वारा टंगिया में लगे डण्डे से मारा गया। हमें अपने द्वारा कमाए जा रहे खेतीबाड़ी की जमीन से भगा दिया गया है, वर्तमान में हमारे जीवनयापन का जरीया खत्म हो चुका है और हम परेषान हैं। इसलिए अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान धक्कामुक्की एवं मारपीट किए गए होने की दी जा रही शिकायत सूचना पर कानूनी कार्यवाही करने के साथ ही हमारे व्यवस्थापन की व्यवस्था करने का कष्ट करें।