पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व विधयाक मंगलराम उसेंडी
अंतिम संस्कार में पहुंचे बड़ी संख्या में लोग
कोण्डागांव । पत्रिका लुक
भाजपा के पूर्व मंत्री सुश्री लता उसेंडी के पिता पूर्व विधायक स्व.मंगलराम उसेंडी की लंबी बीमारी के चलते रायपुर में निधन होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को 26 दिसम्बर को अंतिम संस्कार हेतु कोण्डागांव लाया गया और अंतिम दर्शन हेतु भाजपा जिला कार्यालय अटल सदन में रखा गया, जहां अंतिम दर्शन हेतु बड़ी संख्या लोग नजर आए । सभी ने स्व.मंगलराम उसेंड़ी की आत्मा को ईश्वर के श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना कर श्रद्धांजली दिया। मंगलराम उसेंडी की लगभग 87 साल की उम्र में रविवार रात 8 बजे रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। मंगलराम उसेंडी का जाना भारतीय जनता पार्टी सहित क्षेत्रवासियों के लिए अपूरणीय क्षति है।
मंगलराम उसेंडी जी का जन्म
पूर्व विधायक मंगलाराम उसेंडी का जन्म 1 अप्रैल 1935 को ग्राम पंचायत ऐडका के आश्रित ग्राम इड़कों जिला नारायणपुर में हुआ था। पिता स्व. मोतीलाल उसेंडी एवं माता स्व.श्रीमती दुर्गी उसेंडी रही। मंगलवार को जन्म होने के कारण मंगल राम नाम रखा गया।
मंगलराम उसेंडी जी की शिक्षा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई, कक्षा चौथी तक की पढ़ाई करने वाले गांव के एकमात्र व्यक्ति थे। उनकी शादी वर्ष 1960 को फरसेगढ के मंडावी परिवार की स्व.श्रीमती सुरजबती मंडावी से हुई थी उनके 2 पुत्र और 3 पुत्रिया हुए।
सरकारी नौकरी में थे मंगलराम उसेंडी जी
मंगलराम उसेंडी को वन विभाग में सरकारी नौकरी मिली थी वे वर्ष 1954 वन विभाग में वन रक्षक के पद पदस्थ हुए, अपने कार्य के प्रति मेहनत व लगन के चलते वर्ष 1964 डिप्टी रेंजर व वर्ष 1990 रेंजर के पद पर पदोन्नत हुए। सरकारी नौकरी छोड़ के राजनीतिक में आए।
राजनीतिक में भी रही अहम भूमिका
मंगलराम उसेंडी के द्वारा अपने जीवन काल के दौरान लगातार राजनीतिक व सामाजिक रूप से क्षेत्र के विकास में सक्रिय योगदान देते रहे। संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते उत्तर बस्तर जिले का जिलाध्यक्ष बनाया गया 1993 में कोंडागांव को जिला बनाने हेतु एक समिति का गठन एवं सबसे पहले कोंडागांव को जिला बनाने की मांग भी की थी। बोधघाट परियोजना का समर्थन किया एवं नल जल योजना की मांग 1992 में की और जब 1992 में अयोध्या में कारसेवको द्वारा कार्यशाला करने बाले बस्तर के कारसेवको के दल का नेतृत्व किया। संगठन द्वारा दिए गए कार्यो को बखूबी जिमेदारी से निभाते थे। कुछ जानकारों ने मंगलराम उसेंडी जी के बारे में बताया कि चुनाव के दौरान कडेनर में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के दौरान मंगलराम उसेंडी भी फस गए थे , इस मुठभेड़ में एक जवान घायल भी हुआ था। लेकिन संगठन के द्वारा दिए गए जिमेदारी को निभाना अपना कर्तव्य समझते थे । ऐसे निष्ठावान व्यक्ति के चले जाने से भाजपा सहित कोंडागांव लोगों को छति हुई हैं । ईश्वर इनकी आत्मा को शांति प्रदान करे साथ ही परिवार को इस दुखः सहन करने की शक्ति दे।