छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन का चौथा दिन
जिनके भरोसे बनी सरकार अब उन्हें ही मांगना पड़ रहा अपना अधिकार
कोंडागांव पत्रिका लुक।
छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर पूर्व वर्ती भाजपा सरकार के समय से अपना अधिकार मांगते आए पर भाजपा के समय भी सिर्फ वादा खिलाफी ही मिली और कर्मचारियों के आंदोलन में कांग्रेस पहुंचकर वादा किया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो आप कर्मचारियों की मांग पूरी करेंगे। लेकिन 3 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का सुध नहीं ले रहे कांग्रेस सरकार । इसे कहते हैं जिनके जिनके भरोसे सत्ता में आकर सरकार बनाई अब उन्ही कर्मचारियों को फिर से आंदोलन कर अपने अधिकार का A.& HRA मांगना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन के चतुर्थ दिवस में उमड़ा जनसैलाब
आंदोलन के दौरान भूपेश सरकार की नीत एवं नीयत पर निरंतर उठाया गया सवाल? कर्मचारियों के लिए उनके द्वारा उठाए गए किसी भी योजनाओं में स्पष्ट नीति नहीं है जिससे कर्मचारियों को सीधा- सीधा लाभ मिल रहा हो उनकी प्रत्येक योजनाएं स्वयं के लाभ पर केंद्रित होता है ।आज पुरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल का चर्चा करते हैं और स्वयं को नंबर वन मुख्यमंत्री घोषित करते फिरते रहते हैं किंतु जब कर्मचारी अधिकारियों को कुछ देने का बात होता है माननीय मुख्यमंत्री आर्थिक स्थिति कमजोर है हम अभी कुछ भी देने की स्थिति में नहीं है,कहते हैं ।हमारा यह प्रश्न है माननीय भुपेश जी कि आप देश के नंबर वन मुख्यमंत्री कैसे बने जब प्रदेश के 500000 कर्मचारी अधिकारी D.A.& HRA के लिए आंदोलन करने, सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हैं। आज छत्तीसगढ़ राज्य पुरे भारत देश में एक ऐसा राज्य है जहां पर कर्मचारी अधिकारीयों को D.A और HRA के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
आज के आंदोलन में स्टेडियम ग्राउंड से गांधी चौक तक मसाल रैली आयोजित कर सरकार को जगाने का प्रयास किया गया।
जिला मिडिया प्रभारी द्रुपद सेठिया, अरुण दीवान और गुनेश साहु ने जानकारी दिया कि कोण्डागांव में कल होगी विशाल बाइक रैली। अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांत और जिले के निर्णय के अनुसार कल पांचवे दिन में बाइक रैली का बाजार पारा से होते हुए कलेक्टर कार्यालय के लिए प्रस्थान होगा ।
बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक होगी बाधित
वर्तमान स्थिति में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल में सम्मिलित होने से कल होने वाला बस्तर विकास प्राधिकरण का बैठक पूर्ण रूप से प्रभावित होगी।