हिन्दू धर्म में ग्रहों का विशेष महत्व माना गया है। अंतरिक्ष में मौजूद ग्रह की स्थिति आपके जीवन को प्रभावित करती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों का गोचर करना, व्रकी करना और मार्गी होना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। जब ग्रह अपनी चाल बदलते हैं तो इसका सीधा असर 12 राशियों पर पड़ता है। गुरू ग्रह 20 जून को शनि की राशि कुंभ में उल्टी चाल चलने वाला है, और इस स्थिति में गुरू 120 दिनों तक रहने वाला है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो गुरू को सबसे अधिक लाभकारी ग्रह माना गया है। यह ज्ञान, स्वतंत्रता, आध्यात्मिकता और इनसे मिलते जुलते गुणों को नियंत्रित करते हैं।
शास्त्र में गुरू को शुभ फल देने वाला ग्रह माना गया है। इतना ही नहीं इस ग्रह को देवी-देवताओं का भी गुरू माना गया है। यह एक राशि में लगभग 1 वर्ष तक रहता है। और 12 राशियों का एक पूरा चक्र करने के लिए इसे 13 वर्ष लग जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार गुरू ग्रह चार महीने वक्री चाल से राशियों का चक्क्र लगाते हैं। गुरू ग्रह को धनु और मीन राशि का स्वामी भी माना जाता है। वहीं दूसरी ओर इसे मकर राशि में नीच के और कर्क राशि में उच्च के माने जाते हैं।
बृहस्पति ग्रह 20 जून को अपने स्थान से ग्यारहवें भाव पर वक्री हो रहे हैं, मतलब यह मेष राशि वालों के लिए लाभकारी साबित होने वाला है। गुरू ग्रह का वक्री होने की वजह से मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आपको कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होगी। इतना ही नहीं मान-सम्मान में वृध्दि योग बनेगें। रोजगार के नए अवसर तो प्राप्त होगें ही साथ ही अगर आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं तो आपकी आर्थिक समस्या का भी समाधान होगा।