छत्तीसगढ़

गबन के मामले में गजेंद्र देवांगन सचिव हुआ निलंबन

निलंबन से कुछ नहीं,भष्ट्राचारी को सेवा समाप्ति के साथ भेंजे जेल

कोंडागांव पत्रिका लुक।
जिले में भष्ट्राचार करने वाले अधिकारी कर्मचारियों का हौशला बुलन्द है क्योंकि भष्ट्राचार करने वाले लोगों को यह मालूम होता है कि राज्य व जिला प्रशासन ज्यादा से ज्यादा निलंबन की कार्रवाही ही करेंगी और निलंबन की कार्रवाई के दौरान जीवन भत्ता तो मिलता रहेगा साथ बहाल होने पर निलंबन अवधि का रुकी रूरी राशि भी मिल जाएगी इसे कहते हैं भष्ट्राचारियो के दोनों हाथों में लड्डू होते हैं । ऐसे में भष्ट्राचार पर अंकुश  कैसे लग पाएगा ।  ऐसा इस लिए कहना पड़ रहा है क्योंकि जिला पंचायत ने आज कडेनार ग्राम पंचायत सचिव पर भष्ट्राचार का आरोप सिद्ध होने पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई हैं।

क्या था मामला
आपको बतादें की नक्सल प्रभावित इलाके में विकास के नाम पर आने वाले राशि को सरपंच के डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग कर 23 लाख रुपये से अधिक  राशि का गबन किया गया था । जिस पर ग्राम पंचायत  सरपंच ने कलेक्टर कोंडागांव से शिकायत की थी कि मेरे नाम का डिजिटल हस्ताक्षर कर लगभग23 लाख रुपये का अनियमितता सचिव के द्वारा किया गया है जिस पर जांच उपरांत ग्राम पंचायत सचिव पर आरोप सिद्ध होने पर निलंबन की कार्रवाई की है।

निलंबन की कार्रवाही से क्या होगा

जिनके कंधे पर ग्रामीण इलाकों में विकास  होना है अगर वे लोगहि विकास के नाम पर आई राशि का गबन करते हैं और उस गबन पर मात्र निलंबन की कार्रवाही की जाती हैं  तो इससे  भष्ट्राचारियो का हौशला बुलंद होगा क्योंकि निलंबन की अवधि के बाद बहाली हो जाती हैं। ऐसे  भष्ट्राचारियो से गबन की राशि की वसूली के साथ ही कानूनी कार्रवाही करते हुए भष्ट्राचारियो को जेल की सलाखों में पीछे धकेल देना चाहिए साथ ही सेवा से मुक्त कर देने से  भष्ट्राचारियो का होशले बुलन्द नहीं पस्त होगा और कोई भी भष्ट्राचार करने से पहले सोचेगा।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *